– बीते दिनों नैनीताल निवासी एक युवती ने विधायक प्रमोद नैनवाल और उनके भाई पर उनकी पुस्तैनी जमीन पर जबरन कब्जा करने का आरोप लगाया था। मामले के सामने आने के बाद रानीखेत विधायक ने पूरी घटना को कांग्रेस का षडयंत्र करार दिया है। रानीखेत विधायक प्रमोद नैनवाल ने प्रेस वार्ता कर सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि जिस जमीन पर कब्जा किए जाने की बात कही जा रही है
, उसे वर्ष 2010 और 2015 में खरीदा गया है, जिसके दस्तावेज उनके पास हैं। राजस्व से शिकायत करने के बजाए देहरादून में आरोप लगाकर मुझे बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। कहा कि यह वही जमीन है, जिसे मेरे विरोधी उद्यान घोटाले से जोड़ रहे हैं। जल्द ही वह मामले में कानूनी कार्रवाई करेंगे।
इसके बाद उन्होंने शासन-प्रशासन में गुहार लगाई लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। सरकारी पोर्टलों पर भी शिकायत दर्ज कराई लेकिन असर नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस नेताओं की मदद से ज्ञापन सौंपा।
रानीखेत विधायक डॉ. प्रमोद नैनवाल और उनके भाई सतीश नैनवाल का विवादों से पीछा नहीं छूट रहा है। 23 दिन में दोनों दूसरी बार विवादों में आ गए हैं। अब नैनीताल जिले की एक युवती ने विधायक और उनके भाई पर जबरन भूमि पर कब्जा करने का आरोप लगाया है।
कहना है कि विधायक व उनके भाई ने उन्हें धमकाया और जान से मारने की धमकी दी। वहीं, विधायक ने युवती के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है। नैनीताल में बेतालघाट निवासी नंदनी गोस्वामी ने विधायक और उनके भाई पर डरा धमकाकर जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया है।
नंदनी का कहना है कि पांच साल पहले पटवारी को खाता खतौनी दिखाने पर उन्हें पता चला कि उनकी भतरौंजखान पास 41 नाली पुश्तैनी जमीन है। पूछताछ की तो पता चला कि यह जमीन विधायक और उनके भाई के कब्जे में है। उन्होंने आरोप लगाया कि विधायक से जमीन वापस करने का निवेदन किया तो उन्होंने टालते-टालते तीन साल बिता दिए।
लेकिन वे मानती रहीं कि उन्हें जमीन मिल जाएगी। लेकिन तीन साल बाद जमीन वापस देने के बजाए जेसीबी चलाकर तारबाड़ कर दिया तो उन्हें म्शां पर संदेह हुआ। इसके बाद उन्होंने तत्कालीन पटवारी से शिकायत की। पटवारी को दस्तोवज दिखाए गए तो उन्होंने उल्टा फटकार लगा दी।
इसके बाद उन्होंने शासन-प्रशासन में गुहार लगाई लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। सरकारी पोर्टलों पर भी शिकायत दर्ज कराई लेकिन असर नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस नेताओं की मदद से संयुक्त मजिस्ट्रेट और राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है।
25 अप्रैल को प्रधान ने लगाए थे विधायक पर आरोप 25 अप्रैल का रानीखेत विधायक डॉ. प्रमोद नैनवाल के भाई सतीश नैनवाल और भांजे के खिलाफ सीम ग्राम प्रधान संदीप खुल्बे के साथ मारपीट के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बाद विधायक का कथित ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने मंत्री पद के लिए 30 लाख रुपये लिए जाने का आरोप लगाया था। पूरे प्रकरण से सरकार और भाजपा की काफी किरकरी हुई थी। बाद में प्रदेश नेतृत्व के हस्तेक्षेप से मामला शांत हुआ।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सौंपा ज्ञापन
मामले में शुक्रवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने संयुक्त मजिस्ट्रेट के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। कहना था कि विधायक नैनवाल और उनके भाई ने क्षेत्र में अराजकता का माहौल बना दिया है। इससे लोग भय के साए में जी रहे हैं।
नैनीताल की युवती की भूमि पर जबरन कब्जा जमा लिया गया। लेकिन शासन प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई। ज्ञापन देने वालों में नगर उपाध्यक्ष कुलदीप कुमार, महिला नगर अध्यक्ष नेहा माहरा, ब्लॉक अध्यक्ष गोपाल सिंह देव, व्यापार मंडल उपसचिव विनीत चौरसिया, दीप उपाध्याय आदि शामिल रहे।

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