जमीन की रजिस्ट्री में फर्जीवाड़ा नहीं होगा आसान, उत्तराखंड सरकार लेगी यह सख्त ऐक्शन
वित्त सचिव ने जमीन फर्जीवाड़े से जुड़े लंबित 38 मामलों में अपर सचिव गृह और देहरादून के एसपी देहात को तत्काल अपने स्तर पर समीक्षा करने के निर्देश दिए।
वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने उत्तराखंड में भूमि की खरीद और रजिस्ट्री फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। भूमि घोटालों की जांच के लिए बनी एसआईटी की रिपोर्ट की समीक्षा के दौरान उन्होंने यह निर्देश दिए
मंगलवार को सचिवालय में हुई बैठक में वे बोले, जमीन फर्जीवाड़ा करने वालों के लिए सख्त उदाहरण स्थापित हो। भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति किसी तरह न हो।
वित्त सचिव ने जमीन फर्जीवाड़े से जुड़े लंबित 38 मामलों में अपर सचिव गृह और देहरादून के एसपी देहात को तत्काल अपने स्तर पर समीक्षा करने के निर्देश दिए। जिन 110 मामलों में एसआईटी ने एफआईआर की संस्तुति की थी, उन मामलों की भी नियमित रूप से गहन समीक्षा की जाएगी।
इस अवसर पर विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की कार्यशैली पर भी सवाल उठा। जानकारी में आया कि जांच बेहद धीमी गति से हो रही है। यही नहीं, स्टाम्प एवं निबंधन विभाग के फॉरेंसिक विशेषज्ञों की ओर से पकड़े गए 18 कूटरचित दस्तावेजों की जांच पड़ताल भी नहीं की जा रही है।
इस पर महानिरीक्षक-निबंधन को तत्काल आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया। वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि एसआईटी की रिपोर्ट में आई विसंगतियों और संस्तुतियों को डिजिटल फार्म में संकलित करवाया जाएगा। इसे जल्द ही सीएम के समक्ष प्रस्तुत भी किया जाएगा। इस रिपोर्ट की संस्तुतियों के क्रम में अधिकारियों को कार्रवाई को कहा गया है।
25 जुलाई 2023 को बनाई गई थी एसआईटी
मालूम हो कि भूमि घोटालों की जांच को 25 जुलाई 2023 को एसआईटी का गठन हुआ था। इसका कार्यकाल दो चरण में 28 फरवरी 2025 तक चला। इस दौरान जमीन घोटालों से जुड़ीं 378 शिकायतें प्राप्त हुईं। इस बैठक में महानिरीक्षक-निबंधन डॉ. अहमद इकबाल, अपर सचिव-गृह निवेदिता कुकरेती, अपर सचिव गंगा प्रसाद और एसपी-देहात जया बलूनी भी मौजूद रहीं।
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