लैब अटेंडेंट परीक्षा: मामला केवल ब्लूटूथ से नकल का नहीं; प्रश्नपत्र देश में कहीं लीक होने की आशंका, मिले सुराग
नवोदय विद्यालय की लैब अटेंडेंट परीक्षा को हल कराने के लिए अभ्यर्थियों से सात-सात लाख रुपये सौदा किया था। यह जानकारी पुलिस को पकड़े गए सॉल्वरों ने दी है।
नवोदय विद्यालय लैब अटेंडेंट परीक्षा यह मामला केवल ब्लूटूथ से नकल कराने तक ही सीमित नहीं है। बल्कि इस परीक्षा का प्रश्नपत्र देश में कहीं लीक होने की भी आशंका है। यह सुराग पुलिस को उस अभ्यर्थी के मोबाइल से मिले जो सबसे पहले पकड़ा गया था। इसका मामला सबसे अलग है।
अभ्यर्थी को प्रश्नपत्र के सभी प्रश्नों के उत्तर टेक्स्ट मैसेज के माध्यम से भेजे गए थे। पुलिस ने उस नंबर पर भी बात करने की कोशिश की लेकिन नंबर बंद हो गया। ऐसे में अब पुलिस उत्तर भेजने वाले की भी तलाश कर रही है। दरअसल, यह परीक्षा देश के कई शहरों में आयोजित की गई थी। देहरादून में नकल का मामला सामने आया तो पुलिस ने सॉल्वर गैंग के दो लोगों को भी पकड़ लिया। लेकिन, इन दो लोगों ने केवल 16 अभ्यर्थियों से नकल कराने के लिए रकम ली थी
उन्हें प्रश्नों के उत्तर ब्लूटूथ डिवाइस के माध्यम से बताने वाले थे। लेकिन, सोशल बलूनी स्कूल से सुबह की पाली में पकड़े गए अभ्यर्थी का मामला इससे बिल्कुल अलग है। उसके पास ब्लूटूथ डिवाइस थी तो जरूर लेकिन असल खेल उसके मोबाइल में हुआ। उसके मोबाइल में आखिरी के एक घंटे में सभी प्रश्नों के बकायदा उत्तर आए थे।
पेपर लीक जरूर हुआ
मसलन किस सवाल का उत्तर ए है किसका बी और सी। यह सब सीरीज में उसे टेक्स्ट मैसेज किया हुआ था। अब यह पेपर यहीं किसी परीक्षा केंद्र से लीक हुआ या फिर देश के किसी और हिस्से से यह जानकारी पुलिस कर रही है। लेकिन, अब तक की जांच इतना तो तय है कि पेपर लीक जरूर हुआ है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक जब टेक्स्ट मैसेज भेजने वाले नंबर पर पुलिस ने फोन लगाया तो नंबर एकदम स्विच ऑफ हो गया। ऐसे में अब पुलिस सर्विलांस व अन्य माध्यमों से इस नंबर के स्वामी की तलाश कर रही है।
आखिरी के एक घंटे में मिलते हैं सवालों के उत्तर
बताया जा रहा है कि यह गैंग मेरठ और बागपत के आसपास सक्रिय हो सकती है। यह गैंग एक अलग तरीके पर काम करती है। इसमें अभ्यर्थी को बताया जाता है कि वह शुरुआती दो घंटे में कुछ न करे। एक भी सवाल के उत्तर ओएमआर शीट में न भरे। आखिरी एक घंटे में सारे सवालों के उत्तर भेज दिए जाते हैं। इससे पहले सॉल्वर गैंग के लोगों को कहीं से यह पेपर भेज दिया जाता है। बताया जा रहा है कि यह अभ्यर्थी भी अपनी संदिग्ध गतिविधियों के चलते ही पकड़ में आया था। जब तलाशी ली गई तो उसके पास ये फोन और ब्लूटूथ डिवाइस भी बरामद हुई।

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