केंद्र सरकार द्वारा घोषित बजट में इनकम टैक्स के नए स्लैब से मध्यमवर्गीय परिवारों को राहत मिली है, केंद्र सरकार की ओर से रुपए 5 लाख को बढ़ाकर सात लाख तक की आय तक टैक्स से निजात दी गई है जिससे निश्चित रूप से सभी कार्मिकों को फायदा होगा। प्रत्येक स्लैब दरों में भी किए गए आंशिक अंतर का भी कार्मिकों की भावना के अनुरूप लाभ प्राप्त होगा इस बार के बजट में कार्मिकों की उम्मीदों के अनुरूप टैक्स स्लैब की राशि की बढ़ोतरी से कार्मिकों को सीधा लाभ होगा तथा बजट कार्मिकों के लिए उपयोगी होगा
दीपक जोशी अध्यक्ष सचिवालय संघ
प्रदेश अध्यक्ष उत्तराखंड अधिकारी कार्मिक शिक्षक महासंघ
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तराखण्ड के प्रदेश अध्यक्ष अरूण पांडे ने कहा श्रीमती निर्मला सीतारमन, माननीय वित्तमंत्री, भारत सरकार द्वारा वर्ष 2023-24 के लिए लोकसभा में प्रस्तुत बजट में आयकर की देयता मंे संशोधन का प्रस्ताव किया गया है।
श्री पांडे ने कहा कि माननीय वित्तमंत्री जी द्वारा आयकर दाताओं को जो छूट प्रदान करने का प्रस्ताव किया गया है वह मात्र नई कर प्रणाली के अन्तर्गत आयकर जमा करने वाले करदाताओं के लिए ही प्रतीत हो रहा है। इस प्रकार बजट में छूट के किये गये प्राविधान का लाभ पुरानी कर व्यवस्था के अन्तर्गत आयकर जमा करने वाले लोगों को नहीं प्राप्त होगा। जिससे वेतनभोगी कर्मचारियों में असमनजस एंव निराशा का भाव उत्पन्न हो रहा है। असमनजस इस बात का कि अब उन्हें नई कर व्यवस्था अथवा पुरानी कर व्यवस्था का तुलनान्तमक अध्यन करने के उपरान्त ही यह निर्णय लेना होगा कि उन्हें कौन सी कर प्रणाली के अन्तर्गत आयकर जमा करना है। निराशा इस बात से है कि वेतनभोगी कार्मिकों द्वारा की जा रही लागातार मांग के बावजूद आयकर से छूट का दायरा एक तो मात्र नई कर प्रणाली के लिए प्रस्तावित किया गया है वरन् साथ ही किये गये प्रस्ताव से भी कोई बहुत अधिक राहत वेतनभोगी कार्मिकों को नहीं मिलती दिख रही है।
श्री पांडे ने प्रदेश के कार्मिकों की तरफ से माग की है कि संसद में प्रस्तुत प्रस्ताव में संशोधन करते हुए सात लाख के स्थान पर रूपये दस लाख तक की आय को दोनों कर प्रणालियों के लिए कर मुक्त घोषित किया जाय। साथ ही बचत की कुल सीमा में भी बढोत्तरी की जाय।
(अरूण पांडे)
प्रदेश अध्यक्ष
वित्त मंत्री, द्वारा पेश किए गए बजट में वेतनभोगी वर्ग को आयकर में जो छूट प्रदान की गई है उसका हम स्वागत करते हैं, परंतु यदि 80 सी के अंतर्गत डेढ़ लाख रुपए की सीमा को बढ़ाया जाता तो अच्छा होता इसी तरह भवन ऋण पर छूट को ₹200000 से बढ़ाकर ₹400000 किया जाना चाहिए था.
सतीश घिल्डियाल
पूर्व प्रदेश कोषाध्यक्ष जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ उत्तराखंड
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