चीरबासा के पास 20 मीटर लंबा पुश्ता तैयार, पैदल मार्ग से केदारनाथ यात्रा फिर शुरू
लोनिवि ने चट्टानी क्षेत्र में गहरे छेद कर सरियों के जाल की मदद से पुस्ते का निर्माण किया है। यहां पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा जवान तैनात किए गए हैं।
गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग से यात्रा शुरू हो गई है। रविवार को पूर्वान्ह 11 बजे तक सोनप्रयाग से पैदल मार्ग से 13,000 श्रद्धालुओं को केदारनाथ भेजा गया।
प्रभावित क्षेत्र में लोनिवि ने चट्टानी क्षेत्र में गहरे छेद कर सरियों के जाल की मदद से पुस्ते का निर्माण किया है। यहां पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा जवान तैनात किए गए हैं। आने वाले दिनों में लोनिवि कंक्रीट व सीमेंट से पुस्ते को मजबूत करेगा। रविवार को सुबह छह बजे से सोनप्रयाग में प्रशासन व पुलिस द्वारा कड़ी सुरक्षा के बीच यात्रियों को केदारनाथ भेजना शुरू किया गया।
इसके बाद सुबह आठ बजे तक नौ हजार से अधिक और पूर्वान्ह 11 बजे तक कुल 13,000 श्रद्धालु धाम के लिए रवाना हो गए थे। पैदल मार्ग पर प्रभावित क्षेत्र चीरबासा भैरव मंदिर के समीप सुरक्षा जवानों की मौजूदगी में यात्रियों को रास्ता पार कराया गया। लोनिवि ने यहां पर 20 मीटर क्षेत्र में पुस्ते का निर्माण किया है, जिससे आवाजाही हो रही है।
लोनिवि के अधिशासी अभियंता विनय झिक्वांण ने बताया, शुक्रवार मध्य रात्रि को चीरबासा स्थित भैरव मंदिर के समीप पैदल मार्ग 20 मीटर क्षतिग्रस्त हो गया था। यहां पर चट्टानी हिस्से में गहरे छेद कर सरियों का जाल तैयार करके पुस्ते का निर्माण किया गया है। इन गहरे छेदों में कंक्रीट-सीमेंट का घोल डालकर मजबूत किया जाएगा।
पैदल मार्ग के क्षतिग्रस्त होने के कारण बीते शनिवार को पैदल यात्रा पूरी तरह से बंद रही थी। इस दौरान केदारनाथ से 4,655 यात्री पैदल मार्ग से सोनप्रयाग पहुंचे थे।
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