वन्य जीव सुरक्षा के लिए दुरुस्त होगा चौमासी-रेकाधार-केदारनाथ पैदल मार्ग
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग 19 किमी लंबे चौमासी-रेकाधार-खाम बुग्याल केदारनाथ पैदल मार्ग को वन्य जीव सुरक्षा के लिए दुरुस्त करेगा। पहले चरण में चौमासी से दो किमी रास्ते का सुधारीकरण किया जाएगा, इसके लिए केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग ने प्रशासन को 40 लाख रुपये का प्रस्ताव भेज दिया है। पैदल मार्ग पर सुरक्षा दीवार निर्माण के साथ अन्य जरूरी कार्य किए जाएंगे। इससे यहां पाए जाने वाले दुर्लभ जीवों का संरक्षण हो सकेगा।
बीते 31 जुलाई को गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर अतिवृष्टि से हजारों यात्री व स्थानीय कई जगहों पर फंस गए थे। शासन, प्रशासन की मदद से हेलिकॉप्टर व पैदल मार्ग से इन यात्रियों व स्थानीय लोगों का रेस्क्यू किया गया। इस दौरान 1134 यात्री व स्थानीय केदारनाथ-रेकारधार-चौमासी मार्ग से चौमासी गांव पहुंचे थे।
उस वक्त प्रदेश सरकार ने केदारनाथ तक पहुंच के लिए वैकल्पिक मार्ग को लेकर इस मार्ग के सर्वेक्षण के निर्देश दिए थे, जिस पर जिलाधिकारी ने पांच सदस्यीय टीम गठित की थी। इस टीम में लोनिवि, वन, राजस्व, आपदा और भू-विज्ञान के अधिकारी शामिल थे। नौ व 10 अगस्त को पांच सदस्यीय दल ने 19 किमी लंबे चौमासी-रेकाधार-केदारनाथ पैदल मार्ग का स्थलीय सर्वेक्षण किया।
दल ने अपनी रिपोर्ट में इस मार्ग को भूस्खलन से पूरी तरह से सुरक्षित बताया था। साथ ही कहा कि इस मार्ग पर विभिन्न श्रेणी की चट्टानें व बोल्डर हैं और सुधारीकरण कार्य के दौरान यहां अनावश्यक छेड़छाड़ नहीं की जाए। रास्ते पर बरसाती गदेरे पर पुलिया निर्माण व रिस रहे पानी से सुरक्षा के लिए ठोस कार्य पर जोर दिया गया।
रास्ते को लेकर चौमासी के ग्रामीणों द्वारा भी रास्ते को केदारनाथ तक पहुंच के लिए विकसित करने की मांग करते आ रहे हैं। इधर, केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग ने अब, केदारनाथ के लिए वैकल्पिक मार्ग के तौर पर नहीं बल्कि वन्य सुरक्षा के लिए पैदल रास्ते के सुधारीकरण की कार्ययोजना तैयार की है। पहले चरण में दो किमी रास्ते को दुरुस्त किया जाएगा। इसके लिए प्रभागीय स्तर पर 40 लाख का प्रस्ताव प्रशासन को भेजा गया है।
प्रस्ताव के तहत रास्ते पर तीखी चढ़ाई को कम किया जाएगा। साथ ही सुरक्षा दीवार बनाई जाएगी और अन्य कई स्थानों पर वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए जरूरी कार्य किए जाएंगे, जिससे यहां मिलने वाले दुर्लभ जीवों का समुचित संरक्षण में मदद मिल सके।
यात्रा उपयोग के लिए करना होगा भूमि स्थानांतरण
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, चौमासी-रेकाधार-केदारनाथ पैदल मार्ग को केदारनाथ पहुंच के लिए वैकल्पिक मार्ग के रूप में उपयोग करने के लिए भूमि हस्तांतरण की कार्रवाई जरूरी है। साथ ही यह मार्ग व पूरा क्षेत्र सेंचुरी क्षेत्र में है, जहां भूमि हस्तांतरण के लिए कई औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी।
चौमासी-रेकाधार-केदारनाथ पैदल मार्ग को वन्य जीव सुरक्षा के लिए संरक्षित किया जाएगा। इसके लिए पहले चरण में दो किमी रास्ते को दुरुस्त किया जाएगा और इसके लिए प्रशासन को 40 लाख का प्रस्ताव भेजा गया है। मार्ग को केदारनाथ के वैकल्पिक मार्ग के रूप में विकसित करने के लिए भूमि हस्तांतरण करना होगा। – कल्याणी, डीएफओ रुद्रप्रयाग वन प्रभाग व केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग
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