पहले क़ॉमन सिविल कोड और धर्मांतरण पर सख्त कानून के बाद पुष्कर सिंह धामी ने एक और बड़ा फैसला किया है। धामी सरकार रामलला की जन्मभूमि अय़ोध्या में एक स्टेट गेस्ट हाउस बनाने की तैयारी में है। इसके लिए राज्य सरकार ने यूपी की योगी सरकार ने अयोध्या में एक एकड़ जमीन मांगी है।
विगत मार्च में विस चुनाव का नतीजा आने से पहले ही सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में कॉमन सिविल कोड लागू करने की बाद की थी। नतीजों के बाद बहुमत की सरकार बनते ही धामी ने इस कोड का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर दी है। यह कमेटी प्रदेशभर का भ्रमण करने इस बारे में लोगों के सुझाव ले रही है।
दूसरी ओर धर्मांतरण पर सख्त कानून बनाने की प्रतिबद्धता सीएम धामी पहले ही जता चुके थे। मंत्रिमंडल में धर्मांतरण पर कानून बनाने के प्रस्ताव को पास किया गया था और फिर विधानसभा के पटल पर धर्मांतरण कानून को प्रस्तुत किया गया जिसे सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया। ये विधेयक राज्यपाल के विचाराधीन है। मुख्यमंत्री धामी द्वारा लाए गए इस कानून को लेकर अब देश भर में साधु-समाज आनंदित है। विधेयक पारित होने के बाद ट्वीटर पर धर्मरक्षक धामी कई दिनों तक ट्रेंड करता रहा।इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए धामी सरकार ने अब अयोध्या में स्टेट गेस्ट हाउस बनाने का फैसला किया है।
सीएम का कहना है कि उत्तराखंड से हजारों लोग रामलला के दर्शन करने जाते हैं। ऐसे में उन्हें दिक्कतों से बचाने के लिए यह फैसला किया गया है। इस मामले में सचिव विनोद कुमार सुमन का कहना है कि यूपी आवास विकास को एक पत्र भेजकर अय़ोध्या में एक एकड़ जमीन मांगी गई है। जमीन मिलते ही स्टेट गेस्ट हाउस का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। धामी सरकार केदारधाम में भी एक स्टेट गेस्ट हाउस का निर्माण करा रही है।
दिल्ली, मुंबई की तरह उत्तराखंड सरकार अयोध्या में भी राज्य अतिथि गृह बनाएगी। इसके लिए आयुक्त यूपी आवास विकास परिषद से जमीन मांगी गई है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है। इसके बनने के बाद निकट भविष्य में मंदिर के दर्शन को जाने वालों की संख्या काफी बढ़ सकती है।
उत्तराखंड से भी इसमें काफी भागीदारी को देखते हुए राज्य सरकार ने राम मंदिर के निकट अतिथि गृह बनाने के लिए जमीन मांगी है। राज्य संपत्ति के प्रभारी सचिव विनोद कुमार सुमन की तरफ से आवास विकास परिषद के आयुक्त को यह पत्र भेजा गया है। उन्होंने कम से कम एक एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का आग्रह किया है।
प्रभारी सचिव ने बताया कि जमीन की उपलब्धता के बाद ही अतिथि गृह के निर्माण को लेकर फैसला लिया जाएगा। इसके बनने से राज्य से वहां दर्शन को जाने वाले लोगों राहत मिलेगी।
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