*लोकतंत्र के प्रकाशस्तंभ हैं निर्वाचन पर्यवेक्षक: मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार*
दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव और उपचुनावों के लिए नियुक्त केंद्रीय पर्यवेक्षकों को आयोग द्वारा ब्रीफ किया गया
1. भारत निर्वाचन आयोग ने आज बिहार राज्य की विधानसभा के आम चुनाव और कुछ राज्यों के उपचुनावों के लिए नियुक्त किए जाने वाले सामान्य, पुलिस तथा व्यय पर्यवेक्षकों के लिए एक ब्रीफिंग सत्र का आयोजन किया।
2. इस बैठक में कुल 425 अधिकारी शामिल हुए, जिनमें 287 आईएएस अधिकारी, 58 आईपीएस अधिकारी, तथा 80 अधिकारी (आईआरएस/आईआरएएस/आईसीएएस और अन्य सेवाओं से) सम्मिलित थे।
यह बैठक आईआईआईडीईएम, नई दिल्ली में आयोजित की गई।
3. मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी के साथ मिलकर केंद्रीय पर्यवेक्षकों को संबोधित किया। अपने संबोधन में सीईसी ज्ञानेश कुमार ने कहा कि “पर्यवेक्षक लोकतंत्र के प्रकाशस्तंभ हैं।”
4. आयोग की “आंख और कान” के रूप में, केंद्रीय पर्यवेक्षकों से अपेक्षा की गई कि वे सभी निर्वाचन कानूनों, नियमों और दिशा-निर्देशों से स्वयं को भली-भांति परिचित करें, मैदान से सीधे इनपुट दें और उनका निष्पक्ष व सख्त पालन सुनिश्चित करें।
5. पर्यवेक्षकों को यह भी निर्देश दिए गए कि वे राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और मतदाताओं के लिए पूर्ण रूप से सुलभ रहें, ताकि उनकी शिकायतों का त्वरित समाधान किया जा सके।
6. पर्यवेक्षकों को मतदान केंद्रों का दौरा करने और मतदाताओं की सुविधा के लिए आयोग द्वारा हाल ही में की गई पहलों के क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए।
7. आयोग, संविधान के अनुच्छेद 324 तथा जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 20B के तहत प्राप्त पूर्णाधिकार शक्तियों के अंतर्गत केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति करता है, ताकि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के संचालन में सहायता मिल सके। ये अधिकारी क्षेत्रीय स्तर पर निर्वाचन प्रक्रिया के कुशल और प्रभावी प्रबंधन की देखरेख भी करते हैं।

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