अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी रैकेट: म्यांमार में बंधक बनाए थे ऊधमसिंह नगर के सात युवक, काशीपुर से एजेंट दबोचा
हाल ही में रेस्क्यू कर भारत लाए गए सात युवाओं के ऊधमसिंह नगर से संबंधित होने की पुष्टि हुई थी। इन पीड़ितों ने ही खुलासा किया था कि एजेंटों ने उन्हें अच्छी सैलरी का लालच देकर विदेश भेजा जहां चीनी गैंग उन्हें केके पार्क और म्यांमार जैसे स्थानों पर बंधक बनाकर जबरन साइबर धोखाधड़ी करवाता था।
उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने थाईलैंड और म्यांमार में नौकरी के नाम पर युवाओं को साइबर ठगी के लिए भेजने वाले अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क के खिलाफ जांच के चलते ऊधमसिंह नगर के काशीपुर से एक और सक्रिय एजेंट प्रदीप कुमार को गिरफ्तार किया है। इस गिरफ्तारी को इस पूरे रैकेट की अगली कड़ियों तक पहुंचने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि हाल ही में रेस्क्यू कर भारत लाए गए सात युवाओं के ऊधमसिंह नगर से संबंधित होने की पुष्टि हुई थी। इन पीड़ितों ने ही खुलासा किया था कि एजेंटों ने उन्हें अच्छी सैलरी का लालच देकर विदेश भेजा जहां चीनी गैंग उन्हें केके पार्क और म्यांमार जैसे स्थानों पर बंधक बनाकर जबरन साइबर धोखाधड़ी करवाता था।
इस मामले में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन रुद्रपुर में प्राथमिक दर्ज की गई जिसकी विवेचना में प्रदीप कुमार का नाम सामने आया। पता चला कि प्रदीप ने मनीष चौहान से 45 हजार रुपयों का कमीशन लेकर एक पीड़ित को बैंकाक भेजा था जिसके बाद मनीष ने ही उसे अवैध रास्तों से म्यांमार के खतरनाक इलाके तक पहुंचाया।
पुलिस ने प्रदीप को डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तार कर लिया। उसके कब्जे से मोबाइल फोन और सिम कार्ड बरामद हुए हैं जिसके व्हॉट्सएप चैट्स से रैकेट से संबंधित और खुलासे होने की उम्मीद है। मामले में कमीशन देने वाले अन्य सिंडिकेट मेंबर की तलाश की जा रही है।

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