विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन सहारनपुर के चर्चित व्यवसायी गुप्ता बंधु को लेकर निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने सनसनीखेज खुलासा किया। उन्होंने सदन में कहा कि गुप्ता बंधु उत्तराखंड में नियमों को ताक पर रखकर अपने व्यवसाय को लगातार विस्तार दे रहे हैं। वे सरकार को गिराने की फिराक में हैं। इसके लिए वो 500 करोड़ रुपये तक खर्च करने को तैयार थे। उमेश कुमार ने सीधा आरोप लगाया कि वर्ष 2016 और वर्ष 2020 तक राज्य सरकार गुप्ता बंधुओं पर खासी मेहरबान रही। इसी दौरान उन्हें वाई और फिर जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई।
नियम 58 के तहत भ्रस्टाचार पर चर्चा करते हुए उमेश कुमार ने कहा कि पृथक राज्य बनते ही भ्रस्टाचार ने उत्तराखंड को पोलियोग्रस्त कर दिया। एक के बाद एक कई सरकारें आयी लेकिन भ्रस्टाचार पर अंकुश नहीं लग पाया। ऐसे में बाहरी राज्यों के माफिया और व्यवसायी यहां खूब फलने फूलने लगे। भ्रस्टाचार से जुड़े कई मामलों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हाल ही में रियल एस्टेट कारोबारी सतेंद्र साहनी ने आत्महत्या कर ली। यह सब गुप्ता बंधुओं की वजह से हुआ। उन्होंने कहा कि इन कारणों की पड़ताल की जानी चाहिए कि गुप्ता बंधु उत्तराखंड में लगातार ताकतवर कैसे होते चले गए।
दुनिया के कई देशों में ब्लैकलिस्ट की जा चुकी सारा कंप्यूटर इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड कंपनी की सब्सिडरी कंपनियां हेरिटेज एविएशन और दून लॉज एंड हॉस्पिटैलिटी लिमिटेड गठित कर उत्तराखंड में कैसे उन्हें कारोबार करने की छूट दी गई।
इतना ही नहीं, पहले 2016 में उन्हें वाई श्रेणी और फिर 2018 में जेड श्रेणी की सुरक्षा क्यों और किसने प्रदान की। मुख्यमंत्री और राज्यपाल के स्तर की जेड श्रेणी सुरक्षा विदेश के भगौड़ों को मुहैया कराने के पीछे मकसद क्या था। उमेश कुमार ने कहा कि गुप्ता बंधुओं के साथ किन राजनेताओं के संबंध हैं और वह कैसे यहां कारोबार को बढ़ा रहे हैं इसकी ईडी और सीबीआई से जांच कराई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य हम सभी का है। हमारे अन्य राजनीतिक दलों से मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मनभेद नहीं हैं। उत्तराखंड की ओर जो भी आंख उठाकर देखेगा उसको मिट्टी में मिला दिया जाएगा।
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