13 वन प्रभागों में भालू के हमले की घटनाएं रिपोर्ट; रुद्रप्रयाग, गढ़वाल में ज्यादा हुईं
घटनाओं के मद्देनजर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वन विभाग को तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
राज्य में भालू के हमलों की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। प्रदेश के 13 वन प्रभागों में भालू के हमलों की घटनाएं हो चुकी हैं। इसमें सबसे अधिक मामले रुद्रप्रयाग, गढ़वाल और बदरीनाथ वन प्रभाग में सामने आए हैं। वन विभाग ने घटनाओं में कमी लाने के लिए प्रयास किए हैं, इस संबंध में शासन ने भी निर्देश जारी किए हैं।
इस साल प्रदेश में भालू के हमले में 69 लोग घायल हो चुके हैं, जबकि पांच लोगों की मौत हो चुकी है। यह हाल के चार वर्षों में सबसे अधिक घटनाएं हैं। इसमें गढ़वाल मंडल नौ वन प्रभागों में 63 घटनाएं हुई हैं। जबकि कुुमाऊं मंडल में 11 घटनाएं रिपोर्ट हुई हैं। इसमें सबसे अधिक रुद्रप्रयाग(14), गढ़वाल(13) और बदरीनाथ वन प्रभाग(12) में घटनाएं हुई हैं।
शासन ने जारी किए निर्देश
घटनाओं के मद्देनजर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वन विभाग को तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने वनाधिकारियों से बातचीत के बार मानव- वन्यजीव संघर्ष रोकथाम के लिए निर्देश दिए। प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु ने बताया कि घटनाओं में कमी लाने के लिए निर्देश दिए हैं। इसके त्वरित कार्रवाई के साथ ही दीर्घकालिक उपाय करने के लिए भी कहा गया है। इसमें भालू के हाल के मूवमेंट को देखते हुए कैमरा ट्रैप में भालू की उपस्थिति व पगमार्क के आधार पर भालू की सक्रियता वाले क्षेत्रों की पहचान कर हॉट स्पाट चिह्नित करने को कहा गया है। संवेदनशील क्षेत्रों में क्विक रिस्पांस टीम और अन्य टीम को पैदल गश्त करने का निर्देश दिया गया है।
शासन को एक्शन टेकन रिपोर्ट भेजी जा रही
वन विभाग मानव- वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए कार्य कर रहा है, उसकी एक्शन टेकन रिपोर्ट प्रतिदिन शासन को भेजने को कहा गया है। इसके अलावा वन विभाग ग्राम प्रधानों से संपर्क करने के साथ जन जागरूकता अभियान चलाने समेत अन्य कार्रवाई कर रहा है।

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