पूर्व सीएम हरीश रावत के पुत्र वीरेंद्र रावत की एंट्री से कांग्रेस में हलचल मची हुई है. हालांकि वीरेंद्र पहले से ही खानपुर विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय थे लेकिन अब उनके होर्डिंग-पोस्टर पूरे लोकसभा क्षेत्र में नजर आने से इसे लोकसभा की दावेदारी के रूप में देखा जा रहा है. वही प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही बड़ा बयान दिया है,
हरीश रावत का कहना है की चुनाव लड़ने की राजनीति से बाहर निकलना चाहता हूं और यही अवसर है चुनाव लड़ने की राजनीति से बाहर आने का. यदि चुनाव लड़ा तो अगले 10 साल तक चुनाव लड़ने की राजनीति में फंसा रहूंगा. हरीश रावत ने हरिद्वार से अपने बेटे वीरेंद्र रावत के लिए टिकट की पैरवी की है. बेटा कांग्रेस में प्रदेश उपाध्यक्ष है.उन्होंने कहा कि पार्टी यदि मेरे संबंधों का, मेरे नाम का, मेरे काम का उपयोग कर पाएगी तो मेरा बेटा उसे बेहतर तरीके से कर पाएगा.
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