पहाड़ों में तेज बारिश से मैदानी इलाकों में गंगा का जलस्तर बढ़ा, राफ्टिंग पूरी तरह से बंद
एक सितंबर से 30 जून तक गंगा नदी में राफ्टिंग का संचालन होता है। बरसात के समय जुलाई और अगस्त महीने में गंगा का जलस्तर बढ़ने से दो महीने राफ्टिंग का संचालन बंद रहता है।
पर्वतीय क्षेत्रों में हो रही तेज बारिश का असर मैदानी भागों में भी दिखाई दे रहा है। गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इसे देखते हुए गंगा नदी राफ्टिंग प्रबंधन समिति के सचिव जसपाल चौहान ने अग्रिम आदेश तक मंगलवार से राफ्टिंग के संचालन पर पूर्णतया रोक लगा दी है।
एक सितंबर से 30 जून तक गंगा नदी में राफ्टिंग का संचालन होता है। बरसात के समय जुलाई और अगस्त महीने में गंगा का जलस्तर बढ़ने से दो महीने राफ्टिंग का संचालन बंद रहता है। गंगा का जलस्तर बढ़ने से पर्यटन विभाग ने पहले ही कौड़ियाला, मरीन ड्राइव, शिवपुरी और क्लब हाउस से राफ्टिंग का संचालन बंद कर दिया था। पर्यटन विभाग की ओर से केवल ब्रह्मपुरी से ही राफ्टिंग का संचालन हो रहा था। मंगलवार को पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने वह प्वाइंट भी बंद कर दिया है।
घाटों और तटों को छूकर बह रही गंगा
पहाड़ों में हो रही तेज बारिश से मैदानी भागों में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। लक्ष्मणझूला, स्वर्गाश्रम, मुनि की रेती, तपोवन, त्रिवेणीघाट आदि जगहों पर गंगा नदी घाटों और तटों का छूकर बह रही है। जल पुलिस और आपदा प्रबंधन की टीम निगरानी बनाए हुए है। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक मंगलवार दोपहर 12 बजे गंगा का जलस्तर 338.00 मीटर दर्ज किया गया। जो चेतावनी रेखा से 1.50 मीटर नीचे बह रही थी।
इन दिनों गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। पर्यटकों की सुरक्षा को देखते हुए मंगलवार 24 जून से गंगा में राफ्टिंग का संचालन अग्रिम आदेश तक बंद कर दिया गया है। नियमों का उल्लंघन करने वाले राफ्टिंग व्यवसायीयों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
– जसपाल चौहान, गंगा नदी राफ्टिंग प्रबंधन समिति के सचिव और साहसिक पर्यटन अधिकारी

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