उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में बढ़ा हवाई सेवा का दायरा, गौचर व चिन्यालीसौड़ में उतर सकेंगे छोटे एरोप्लेन
उत्तराखंड सरकार गौचर और चिन्यालीसौड़ में हवाई सेवाएं शुरू करने की योजना बना रही है जहाँ अभी हेलीकॉप्टर सेवाएं चल रही हैं। नागरिक उड्डयन विभाग विमान संचालक और निर्माता कंपनियों से छोटे विमानों की उपलब्धता पर बात कर रहा है। प्रदेश में हवाई सेवाओं का प्रचलन बढ़ रहा है क्योंकि ये कम समय में सस्ती दरों पर उपलब्ध हैं। वर्तमान में 12 स्थानों से हेलीकॉप्टर सेवाएं संचालित हैं
प्रदेश सरकार पर्वतीय क्षेत्रों में हवाई सेवा का दायरा बढ़ाने की तैयारी कर रही है। इस कड़ी में गौचर और चिन्यालीसौड़ में भी हवाई सेवा शुरू करने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। अभी इन स्थानों पर हेली सेवाओं का संचालन हो रहा है।
यहां हवाई सेवा के संचालन के दृष्टिगत नागरिक उड्डयन विभाग ने विमान संचालक और विमान निर्माता कंपनियों से छोटे विमान उपलब्ध कराने के लिए चर्चा करने के बाद अब पत्राचार शुरू कर दिया है।
प्रदेश में हेली व हवाई सेवाएं अब आवागमन का प्रमुख साधन बनने लगी हैं। इनमें लगने वाला कम समय और सस्ती दरों पर मिल रहे टिकट यात्रियों को धीरे-धीरे आकर्षित कर रहे हैं। साथ ही पर्यटकों के लिहाज से ये काफी मुफीद भी है।
यही कारण है कि इन हेली व हवाई सेवाओं का दायरा लगातार बढ़ रहा है। इस कड़ी में प्रदेश में इस समय 12 स्थानों से हेली सेवाओं का संचालन शुरू किया गया है। इनमें देहरादून से नैनीताल, बागेश्वर, मसूरी, जोशियाड़ा, गौचर व अल्मोड़ा के अलावा हल्द्वानी से बागेश्वर, मुनस्यारी, पिथौरागढ़ व चंपावत और पिथौरागढ़ अल्मोड़ा के बीच हेली सेवाएं सुचारू हैं।
इसके अलावा देहरादून से नैनी सैनी (पिथौरागढ़), पंतनगर से नैनी सैनी व दिल्ली से हरिद्वार के बीच हवाई सेवा संचालित हो रही हैं।
ये हेली व हवाई सेवा केंद्र और राज्य सरकार की उड़ान योजनाओं के अंतर्गत संचालित की जा रही हैं। इसके साथ ही चारधाम यात्रा के दौरान केदारनाथ, बदरीनाथ व हेमकुंड साहिब के लिए भी हेली सेवाएं संचालित होती हैं।
अब इस कड़ी में नागरिक उड्डयन विभाग दो और स्थानों पर हवाई सेवाएं शुरू करने की तैयारी कर रहा है। ये स्थान चमोली जिले का गौचर और उत्तरकाशी जिले का चिन्यालीसौड़ है। यहां हेलीपोर्ट बन चुके हैं। यहां विमान उड़ाने के लिए एयर स्ट्रिप भी है।
अब विभाग ने विमान संचालन करने वाली कंपनियों से पूछा है कि क्या यहां से विमान सेवाएं संचालित की जा सकती है अथवा नहीं। साथ ही विमान निर्माण कंपनियों से यहां के लिए छोटे विमान की उपलब्धता के बारे में भी जानकारी ली जा रही है।
सचिव नागरिक उड्डयन सचिन कुर्वे का कहना है कि हाल ही में आयोजित मिनिस्टर कांफ्रेंस आन सिविल एविएशन में यह विषय आया था। इस पर अब एविएशन कंपनियों से वार्ता की जा रही है।

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