गिरोह के सरगना से 13 मोबाईल, 07 बैंक के एटीएम कार्डस, 07 सिम कार्डस और आधार कार्डस व कई लाखों रूपये के हिसाब किताब की 10 डायरियां बरामद.
इस गिरोह से अब तक 01 लाख 31 हजार रूपये नगद, 23 मोबाईल फोन, 18 एटीएम कार्डस, 71 सिम कार्डस, 02 बैंक पास बुक व कई लाखों रूपये के हिसाब किताब की 14 डायरियां बरामद हुयी है..
देहरादून: देशभर में पीएम मुद्र लोन योजना के नाम पर साइबर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफ़ाश कर उत्तराखंड एसटीएफ में गैंग के सरगना को उत्तर प्रदेश के मथुरा वृंदावन से गिरफ्तार किया है..पकड़ा गया अभियुक्त दीपक राज शर्मा मामूली सिक्योरिटी गार्ड से नौकरी छोड़ कॉल सेंटर में काम करने के दौरान जाल बुनते बुनते देशभर में साइबर ठगों का सरगना बना गया. एसटीएफ के मुताबिक गिरफ्तार अभियुक्त दीपक से पूछताछ में उसके गिरोह में शामिल काफ़ी लोगों के बारे में कई जानकारी प्राप्त हुई हैं.जिनपर कार्यवाही जारी हैं.. गिरोह के लोग अधिकांश तौर पर महाराष्ट्र,आंध्र प्रदेश व तेलंगाना जैसे राज्यों के अलावा देशभर अन्य प्रति में पीएम मुद्रा लोन के नाम पर लोगों से लाखों-करोड़ों की ठगी कर चुके हैं.
. मूल रूप से उत्तर प्रदेश जिला सुल्तानपुर के रहने वाले अभियुक्त दीपक राज के खिलाफ थाना सेलाकुई, साईबर थाना देहरादून में पहले भी इसी तरह के मामले दर्ज हैं..उत्तराखंड STF एसएसपी आयुष अग्रवाल ने जानकारी देते हुये बताया कि विगत दिनों में एसटीएफ द्वारा प्रधानमन्त्री मुद्रा लोन योजना के नाम पर थाना प्रेमनगर जनपद देहरादून क्षेत्र में रहकर ऑनलाईन ठगी करने वाले साईबरों ठगों के गिरोह के 02 सदस्यों को पकड़कर इस गिरोह का भण्डाफोड़ किया गया था.जिनके द्वारा तेलंगना, आन्ध्रा और महाराष्ट्र राज्य के निवासियों के अलावा देशभर में कई लोगों के साथ कई लाखों रूपये की धोखाधड़ी की गयी थी.
.इस पूरे गिरोह का मुख्य संचालक दीपक राज शर्मा तभी से फरार चल रहा था. उसकी तलाश में एसटीएफ तभी से जगह जगह तलाश कर रही थी.इसी क्रम शनिवार 13 अप्रैल 2024 को फरार दीपक राज शर्मा के सम्बन्ध में वृन्दावन,मथुरा (यूपी) में छिपे रहने की सूचना प्राप्त होने पर एसटीएफ की टीम द्वारा वृन्दावन मथुरा में जाकर दीपक राज शर्मा को गिरप्तार किया गया है.. अभियुक्त से पूछताछ पर गिरोह में संलिप्त अन्य अभियुक्तों की जानकारी हुयी है.
गिरप्तार अभियुक्त
1- दीपक राज शर्मा पुत्र राम लौट शर्मा निवासी ग्राम विशुनपुर, छोटेपट्टी, थाना दोस्तपुर, जिला सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश उम्र 30 वर्ष.
बरामदगी
13 मोबाईल, 07 बैंक के एटीएम कार्डस, 07 सिम कार्डस और आधार कार्डस व कई लाखों रूपये के हिसाब किताब की 10 डायरियां।
12वीं पास के बाद सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी और फिर कॉल सेंटर में काम करने के दौरान आया साइबर ठगी का आइडिया..
STF के अनुसार गिरफ्तार अभियुक्त दीपक राज शर्मा ने पूछताछ पर बताया कि उसने अपने गांव के चुन्नीलाल इंटर कॉलेज सुल्तानपुर से 12वीं परीक्षा पास की,और फिर वह वर्ष 2015 में देहरादून में काम करने आया था. सबसे पहले वह वसंत विहार में हॉक कमाण्डो सिक्योरिटी सर्विस में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता था. उसके बाद वह एक कॉल सेंटर में काम करने लगा.कॉल सेंटर लोगों से अलग-अलग कंपनियों के टावर लगाने के नाम पर ठगी करता था.यही से उसने ये धोखेबाजी सीख कर साईबर ठगी का कार्य शुरू किया. वर्ष 2015 में वह इसी साईबर ठगी के मामले में थाना सेलाकुई से जेल गया, फिर उसके बाद उसने अपना कॉल सेन्टर 2022 में बसंत विहार में अनुराग चौक के पास खोला,जहां से फिर मुद्रा लोन के नाम पर साईबर ऑन लाइन ठगी शुरू कर दी. लेकिन वहां पर भी देहरादून साइबर थाना पुलिस ने वर्ष 2022 में उसके गिरोह के साथ उसे पकड़ लिया, और फिर से वह जेल चला गया. उस समय उसके साथ ऋषिपाल, सोहित शर्मा, विकास शर्मा जेल गए थे. एक महीनेजेल में रहकर जमानत पर छूटने के बाद वह वापस अपने गांव चला गया.फिर उसके बाद में वर्ष 2023 जून माह वह फिर देहरादून आया और प्रेम नगर क्षेत्र में दोबारा से एक कॉल सेंटर खोला और प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के नाम से ठगी शुरू कर दी. इस काम के लिये उसने अपने साथ कुल 09 से लेकर 10 लड़कों को रखा था. इस काम के लिये उसने एक हजार रुपए प्रति सिम खरीदा गया था.फर्जी बैंक खाते बिहार से 25 से 30 हजार रूपये में खरीदता था. मुद्रा लोन का मैसेज-एड के लिये दिल्ली के एक लड़के के जरिये करवाता था,जिससे ग्राहक झांसे में आ जायें. दीपक राज के अनुसार उसने मुद्रा लोन और फर्जी कॉल धोखाधड़ी करके प्रति सप्ताह 6 से 7 लाख रुपए कमाये थे.जिसमें से 50 प्रतिशत हिस्सा अपनी टीम को व 50 प्रतिशत उसका अपना होता था
साइबर ठगी की कमाई से देहरादून में प्रॉपटी जोड़ने से लेकर अलग-अलग व्यापार में पैसा इन्वेस्ट..
STF की कड़ी पूछताछ में अभियुक्त दीपक राज ने यह भी बताया कि उसने साइबर ठगी की कमाई से सुद्धोवाला(प्रेमनगर) में लगभग 32 लाख रूपये से अधिक के 02 प्लाट भी खरीदे हैं.जबकि 05-05 लाख की तीन कमेटियों में भी साइबर धोखाधड़ी की रकम लगायी गयी है.वही ठाकुरपुर स्थित नित्या गारमेंट्स नाम की दुकान में भी वह रकम लगता था.इसके अलाव STF को अभियुक्त से कई अहम जानकारी मिली हैं,जिनके सम्बन्ध में एसटीएफ आगे कार्यवाही की योजना बना रही हैं.
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