प्रदेश में बाढ़ और जलभराव की दृष्टि से 304 संवेदनशील स्थान चिह्नित, बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित
मानसून सीजन को देखते हुए सिंचाई विभाग ने सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद कर ली हैं। सिंचाई खंड, देहरादून के परिसर में केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है।
सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि प्रदेश के हर जिले के नोडल खंड में 15 जून से 15 अक्तूबर तक के लिए बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। उन्होंने अपने कैंप कार्यालय में सिंचाई विभाग की बैठक ली। उन्होंने बताया कि राज्य में बाढ़ और जलभराव की दृष्टि से 304 संवेदनशील स्थल चिह्नित किए गए हैं।
सिंचाई मंत्री ने कहा, मानसून सीजन को देखते हुए सिंचाई विभाग ने सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद कर ली हैं। सिंचाई खंड, देहरादून के परिसर में केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, इसका दूरभाष नंबर-9411554658 है। वहीं, अधीक्षण अभियंता, सिंचाई कार्य मंडल, देहरादून को राज्य स्तरीय विभागीय नोडल अधिकारी नामित किया गया है, इनका दूरभाष नंबर-9837173920 है। मंत्री ने बताया कि बाढ़ संबंधी सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया है
इसमें राज्य, जिलास्तरीय अधिकारी शामिल हैं। सभी अधिकारी मोबाइल पर उपलब्ध हैं। सभी अधिशासी अभियंता मानसून के दौरान प्रतिदिन केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण केंद्र को वर्षा, नदियों में जल स्तर से संबंधित सूचना उपलब्ध करा रहे हैं।
सिंचाई मंत्री के मुताबिक राज्य में 113 बाढ़ चौकियां प्रशासन के सहयोग से स्थापित की गई है। किसी भी संभावित घटना के दौरान बैराजों, जलाशयों के बहाव की दिशा में स्थित लोगों को सूचित करने के लिए सभी बैराजों, जलाशयों पर सायरन स्थापित किए गए हैं। बैठक में सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियंता सुभाष कुमार पाण्डेय सहित कई विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

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