*विधानसभा भवन में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने मसूरी में आयोजित होने वाले तीन दिवसीय मिलेट्स पर आधारित राष्ट्रीय सम्मेलन के संबंध में की प्रेस वार्ता।*
*कौसाम्ब और उत्तराखंड सरकार द्वारा मिलेट्स पर आधारित एक राष्ट्रीय सम्मेलन का मुख्यमंत्री धामी करेंगे शुभारंभ।*
*सम्मेलन में देश के विभिन्न राज्य कृषि विपणन बोर्डों के प्रतिनिधि लेंगे हिस्सा।*
देहरादून, 10 अप्रैल। राज्य कृषि विपणन बोर्डों की राष्ट्रीय परिषद के चेयरमैन एवं प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने सोमवार को विधानसभा में कौसाम्ब द्वारा 11 से 13 अप्रैल तक मिलेट्स की संभावनायें और अवसर पर आधारित राष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजन के संबंध में प्रेस वार्ता की।
मंत्री गणेश जोशी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व के चलते संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष के रूप में घोषित किया है। जिसके दृष्टिगत उत्तराखंड में पहली बार 11 अप्रैल से 13 अप्रैल तक मसूरी में कौसाम्ब और उत्तराखंड राज्य द्वारा मिलेट्स पर आधारित एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। मंत्री जोशी ने कहा इस राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल सहित विभिन्न राज्य कृषि विपणन बोर्डों के अध्यक्ष भी उपस्थित रहेंगे। उन्होंने कहा भारत के विभिन्न राज्य कृषि विपणन बोर्डों अर्थात असम, गोवा, तेलंगाना, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर आदि से कुल 50-60 प्रतिनिधि भाग लेंगे ।
मंत्री ने कहा इस सम्मेलन में मिलेट पर काम करने के लिए एक मैनेज्ड वे विकसित करने के बारे में विचारों का आदान-प्रदान किया जाएगा। इस राष्ट्रीय सम्मेलन को भारतीय मिलेट अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद, भारतीय चिकित्सा संयंत्र विपणन संघ, कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञों सहित एडी पोर्ट्स ग्रुप के वरिष्ठ वैज्ञानिक सम्बोधित करेंगे। सम्मेलन में मिलेट्स के बारे में विचारों का आदान-प्रदान होगा और तकनीकि सत्रों में प्रतिनिधियों के बीच इस सम्बन्ध में विस्तृत चर्चा होगी। इसके अलावा मिलेट्स की उपयोगिता और किसानों की आय को बढ़ाने के सम्बन्ध में भी इस सेमिनार में विस्तार से चर्चा होगी। साथ ही सभी राज्यों के अतिथि, अपने-अपने राज्य में मिलेट्स पर हो रहे कार्यों को विस्तार से बताऐंगे और मिलेट उपज को बढ़ावा दिये जाने के लिए क्या रणनीति अपनायी गयी है इसे भी सभी प्रदेशों के साथ साझा करेंगे तथा मिलेट्स की उपयोगिता और किसानों की आय को बढ़ाने के सम्बन्ध में भी इस सेमिनार में विस्तार से चर्चा होगी।
मंत्री गणेश जोशी ने कहा उत्तराखंड में पहली बार “मिलेट की सम्भावनाओं और अवसर पर आधारित राष्ट्रीय स्तर की गोष्ठी करवाने का मुझे सौभाग्य मिला है। इस कार्यक्रम के लिए कौसाम्ब के साथ उत्तराखण्ड कृषि उत्पादन विपणन बोर्ड सम्मेलन की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगा है। उन्होंने कहा पूरे विश्व में मोटे अनाज को लेकर एक नई अलख जली है और प्रधानमंत्री मोदी जी के दूरगामी सोच को परिलिक्षित करते हुए भारत में श्रीअन्न को लेकर उत्साह और उमंग का माहौल है। मंत्री ने कहा मुझे यह भी बताते हुए अत्यधिक हर्ष हो रहा है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने दो बार मिलेट भोज का आयोजन किया है। प्रदेश विभिन्न सम्मेलनों और सेमिनारों का आयोजन के माध्यम से मिलेट्स का प्रचार-प्रसार सहित कृषकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। मंत्री जोशी ने कहा उत्तराखण्ड में भी मिलेट उपज की खरीद स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से भी की जा रही है। इसे एसएचजी ग्रुपों से जुड़ी हुई महिलाओं को भी लाभ दिया जाएगा।
उन्होंने भारत सरकार का भी आभार प्रकट करते हुए कहा केंद्र सरकार द्वारा भारतीय सेना के लिए कुल क्रय किये जाने वाले राशन में 25 प्रतिशत की हिस्सेदारी मोटे अनाज की तय की है। मंत्री ने कहा उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जहां सरकार ने मिलेट्स के तहत मडुवे का न्यून्तम समर्थन मूल्य 35.78 रुपये तय किया है और पी०डी०एस (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) के माध्यम से राशन कार्ड धारकों को वितरण किया जा रहा है। मंत्री जोशी ने भरोसा जताते हुए कहा निश्चित ही यह राष्ट्रीय सम्मेलन किसानों की आय दोगुनी करने के संकल्प को साकार करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
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