#दिल्ली चुनाव के नतीजे लगभग आ चुके हैं। विपक्ष का एक गढ़ और ढह गया है। मगर हमारे गठबंधन के सभी साथियों को कई-कई सबक दे गया है। #गठबंधन में हमको एक बात अपने मन में रखनी पड़ेगी कि प्रत्येक पार्टी महत्वपूर्ण है और कांग्रेस, गठबंधन का केंद्रीय ध्रुव है। यदि केंद्रीय ध्रुव को कमजोर करेंगे जो आप निरंतर कर रही थी,
तो उससे किसी को भी लाभ नहीं होगा। #कांग्रेस के लिए चुनौतियां अनेक हैं, उस चुनौती में एक चुनौती दिल्ली की भी है। हमें 10-12 प्रतिशत वोटों की उम्मीद थी। हमें अब संपूर्ण शक्ति लगाकर दिल्ली में एक-एक कार्यकर्ता के साथ जुड़ कर अभी से नए सिरे से संगठन को खड़ा करना पड़ेगा। 2026 और 27 की चुनौतियों के लिए भी अभी से काम करना पड़ेगा व पूरी सघनता के साथ काम करना पड़ेगा।
हमें वर्तमान कार्यकर्ताओं को जोड़ने वाला और लगभग 20-25% और नए कार्यकर्ता तैयार करने वाला संगठन खड़ा करना पड़ेगा। काम कठिन है, मगर सही व्यक्ति के चुनाव के साथ इसे संभव बनाया जा सकता है। विपक्ष की एक और हार लोकतंत्र प्रेमी लोगों के लिए चिंता का विषय होना चाहिए। विपक्ष का कमजोर होना लोकतंत्र, संविधान और सामान्य जन के हित में नहीं है।
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