बद्रीनाथ में यात्री बनकर लोगों शिकार बनाता था गिरोह, फिर करता था हजारों की ठगी; तरीका जान हैरान रह जाएंगे
बद्रीनाथ में पुलिस ने मोबाइल फोन ठगी गिरोह का भंडाफोड़ किया। गिरोह के सदस्य यात्रियों को नकली मोबाइल ऊंचे दामों पर बेचते थे। पुलिस ने मध्य प्रदेश के छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिनके पास से नकली मोबाइल और फर्जी बिल बरामद हुए। वे दिल्ली से सस्ते फोन खरीदकर पर्यटकों को बेचते थे। पुलिस ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
तीर्थनगरी बद्रीनाथ में एक बड़े मोबाइल फोन धोखाधड़ी गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। इस गिरोह में शामिल युवक यात्रा के दौरान अपनी जेब कटने , पर्स खोने सहित कई बहाने से नकली मोबाइल यात्रियों को उंचे दामों में थमा देते थे।
पुलिस ने मध्य प्रदेश के रहने वाले छह आरोपितों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 14 नकली मोबाइल फोन तथा फर्जी बिल बरामद किए हैं। बताया गया कि ये सभी यात्रा पर आने के दौरान धाम में लोगों को अपनी मजबूरी बताकर नकली या छेड़छाड़ किए हुए मोबाइल फोन ऊंचे दामों में बेचते थे। गिरफ्तार आरोपितों में दो सगे भाई भी शामिल हैं।
बताया गया कि बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद से ही लोगों को नकली मोबाइल बेचकर ठगने के मामले सामने आ रहे थे। लेकिन पुलिस इस गिरोह को लेकर कोई पुख्ता जानकारी नहीं थी।
इसी दौरान मामला तब सामने आया जब माणा बद्रीनाथ निवासी शशांक बिष्ट ने थाना बद्रीनाथ में एक लिखित तहरीर देकर बताया कि 27 मई को एक व्यक्ति ने उन्हें अपनी मजबूरी बताते हुए एक ओप्पो मोबाइल फोन 11 हजार में बेचा था और इसका बिल भी दिया था। अगले दिन, फोन चलाने में दिक्कत होने पर जब फोन चेक किया गया, तो पाया गया कि फोन का आईएमईआई नंबर और कंपनी फोन पर अंकित जानकारी से अलग थी। इससे साफ था कि उनके साथ धोखाधड़ी की गई थी।
तहरीर के आधार पर कोतवाली श्री बद्रीनाथ में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया। बदरीनाथ धाम में श्रद्धालु बनकर जेब काटने , टप्पेबाजी कर लाखों का यात्रियों पर चूना लगाने के मामलों में बाहरी गिरोह शामिल होने के बाद गिरफ्तारी से पुलिस चौक्कनी थी इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार ने थानाध्यक्ष बद्रीनाथ नवनीत भंडारी को ने तत्काल इस गिरोह की गतिविधियों पर नजर रखने को कहा , बताया गया कि पुलिस सक्रिय जांच और खोजबीन करने के दौरान धोखाधड़ी करने वाले इस गिरोह के छ: सदस्य पुलिस के हत्थे चढ़ गए ।
बताया गया कि आरोपित आईएसबीटी क्षेत्र में घूम कर यात्रियों को अपने जाल में फंसा रहे थे।पकड़े गए आरोपितों में जय सिंह पंवार पुत्र पवन सिंह (उम्र 35 वर्ष), आकाश पंवार पुत्र सावन पंवार (उम्र 24 वर्ष), करन पंवार पुत्र रमेश पंवार (उम्र 31 वर्ष), सनी पंवार पुत्र कैलाश पंवार (उम्र 34 वर्ष),विकास पंवार पुत्र सावन पंवार (उम्र 22 वर्ष), रामू मोहन पुत्र मोहन (उम्र 33 वर्ष) के रूप में हुई। ये सभी आरोपी मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के बोर गांव के निवासी हैं। गिरफ्तार आरोपितों से पुलिस ने मौके पर 14 नकली मोबाइल फोन और फर्जी बिल बरामद किए हैं।
पूछताछ के दौरान अभियुक्तों ने बताया कि वे दिल्ली के करोल बाग स्थित गफ्फार मार्केट में फेरी वालों से अलग-अलग कंपनियों के पुराने या कम गुणवत्ता वाले मोबाइल फोन बहुत सस्ते दामों में खरीदते थे। इसके बाद, वे इन फोनों के फर्जी बिल बनाते थे, जिन पर ज्यादा कीमत अंकित करते थे।
फिर वे दूर-दराज के क्षेत्रों, खासकर धार्मिक स्थलों या पर्यटन स्थलों पर जाकर लोगों को अपनी झूठी मजबूरी बताते थे, जैसे कि उनकी जेब कट गई है, पर्स खो गया है, या साथी बिछड़ गए हैं। इस बहाने वे लोगों से कम दामों में (वास्तविक बिल के सापेक्ष, लेकिन खरीद मूल्य से अधिक) इन फोनों को बेच देते थे। इस तरह वे लोगों को चूना लगाकर काफी मुनाफा कमाते थे।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि बद्रीनाथ पुलिस की इस कार्रवाई से क्षेत्र में सक्रिय इस ठग गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। इन आरोपितों के अन्य ठगी के मामलों में शामिल होने के संबंध में भी जांच की जा रही है। आम जनता से अपील की है कि किसी अनजान व्यक्ति से मजबूरी का बहाना बताकर या किसी भी तरह की आकर्षक पेशकश पर कोई सामान न खरीदें और सतर्क रहें।

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