UTTARAKHAND NEWS

Big breaking :-दिहाड़ी बढ़ाने की राह में केंद्र सरकार, कितना होगा न्यूनतम मजदूरी? सभी राज्यों के लिए होगा मान्य

NewsHeight-App

दिहाड़ी बढ़ाने की राह में केंद्र सरकार, कितना होगा न्यूनतम मजदूरी? सभी राज्यों के लिए होगा मान्य
असंगठित सेक्टर में काम कर रहे श्रमिकों के लिए केंद्र सरकार न्यूनतम मजदूरी का एक फ्लोर लेवल तय करने जा रही है। केंद्र सरकार के इस कदम से लगभग 50 करोड़ असंगठित सेक्टर के श्रमिकों को लाभ मिल सकता है।

 

 

 

श्रम मंत्रालय इस बार न्यूनतम मजदूरी की जगह न्यूनतम जीवनयापन लागत तय करने की तैयारी में है। इस काम में अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की भी मदद ली जा रही है।असंगठित सेक्टर में काम कर रहे श्रमिकों के लिए केंद्र सरकार न्यूनतम मजदूरी का एक फ्लोर लेवल तय करने जा रही है। श्रम मंत्रालय इसकी तैयारी में जुट गया है। सभी राज्यों के लिए इस फ्लोर लेवल के हिसाब से न्यूनतम मजदूरी देना अनिवार्य होगा।अभी राज्य केंद्र सरकार की न्यूनतम मजदूरी के फ्लोर लेवल को मानने के लिए बाध्य नहीं है क्योंकि श्रम संबंधी विषय संविधान की समवर्ती सूची में शामिल हैं। इसलिए केंद्र व राज्य दोनों ही अपनी-अपनी सुविधा के हिसाब से न्यूनतम मजदूरी तय करते हैं।

400 रुपये का वादा पूरा करेगी कांग्रेस?
केंद्र सरकार के इस कदम से लगभग 50 करोड़ असंगठित सेक्टर के श्रमिकों को लाभ मिल सकता है। क्योंकि भाजपा व गैर भाजपा शासित दोनों ही राज्य केंद्र के इस कदम का विरोध नहीं करेंगे। कांग्रेस ने तो अभी लोकसभा चुनाव के लिए जारी अपने घोषणा पत्र में न्यूनतम मजदूरी प्रतिदिन 400 रुपए करने का वादा किया था।श्रम मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक केंद्र इस मामले में कानून लाने जा रहा है ताकि कोई भी राज्य केंद्र की तरफ से तय न्यूनतम मजदूरी से कम मजदूरी किसी श्रमिक को नहीं दे सके। राज्य केंद्र की तरफ से तय न्यूनतम मजदूरी से अधिक मजदूरी देने के लिए स्वतंत्र होगा, लेकिन उससे कम नहीं दे सकेगा।

पहले 176 रुपये.. अब कितनी होगी दिहाड़ी?
इससे पहले वर्ष 2017 में केंद्र सरकार ने न्यूनतम मजदूरी के फ्लोर लेवल को अपडेट किया था जो मात्र 176 रुपए प्रतिदिन है। श्रम मंत्रालय इस बार न्यूनतम मजदूरी की जगह न्यूनतम जीवनयापन लागत तय करने की तैयारी में है। इस काम में अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की भी मदद ली जा रही है।

न्यूनतम मजदूरी श्रमिकों को काम के नाम पर शोषण से बचाने के लिए तय की जाती है जबकि जीवनयापन लागत में रोटी-कपड़ा, मकान जैसी बुनियादी जरूरतों के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी जरूरतों को भी शामिल किया जाता है। राज्य कुशल व गैर कुशल दोनों प्रकार के श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी को अपडेट करते रहते हैं। राज्यों में गैर कुशल श्रमिकों के लिए अभी न्यूनतम मजदूरी औसतन 7000-12,000 रुपए प्रतिमाह के बीच है। दिल्ली में गैर कुशल श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन 17,200 रुपए प्रतिमाह

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

न्यूज़ हाइट (News Height) उत्तराखण्ड का तेज़ी से उभरता न्यूज़ पोर्टल है। यदि आप अपना कोई लेख या कविता हमरे साथ साझा करना चाहते हैं तो आप हमें हमारे WhatsApp ग्रुप पर या Email के माध्यम से भेजकर साझा कर सकते हैं!

Click to join our WhatsApp Group

Email: [email protected]

Author

Author: Swati Panwar
Website: newsheight.com
Email: [email protected]
Call: +91 9837825765

To Top