UTTARAKHAND NEWS

Big breaking :-मैदानी जिलों में हारी हुई सीटें बीजेपी से लिए बन सकती है सिरदर्द, बनेगा अलग प्लान

NewsHeight-App

BJP को पहाड़ के बजाय मैदान में ज्यादा टेंशन, उत्तराखंड लोकसभा चुनाव में क्या समीकरण?

हरिद्वार और नैनीताल लोकसभा के तहत कुल 28 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में इनमें से पचास फीसदी सीटों पर भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा था। भाजपा आठ सीटों पर जीत नहीं थी।

 

 

 

उत्तराखंड में भाजपा के सामने मैदानी जिलों में प्रदर्शन सुधारने की चुनौती होगी। विधानसभा चुनाव में भाजपा हरिद्वार और नैनीताल लोकसभा की 14 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस, बसपा से चुनाव हार गई थी।

 

 

 

हालांकि विधानसभा व लोकसभा चुनाव में माहौल और मुद्दे पूरी तरह अलग होते हैं। विस चुनाव के नतीजे लोकसभा चुनाव पर प्रभाव नहीं डालते। पर भाजपा के रणनीतिकार किसी भी स्तर पर चूक नहीं चाहते। इसलिए विधानसभा की इन सीटों पर भी अतिरिक्त ध्यान दिया जा रहा है।हरिद्वार और नैनीताल लोकसभा के तहत कुल 28 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में इनमें से पचास फीसदी सीटों पर भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा था। हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र में आने वाली 14 में से भाजपा आठ सीटों पर जीत नहीं पाई थी।

 

 

 

जबकि नैनीताल लोकसभा क्षेत्र की छह सीट पर हार का सामना करना पड़ा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का दावा है कि पार्टी राज्य की पांचों लोकसभा सीटों को बड़े अंतर से जीतने में कामयाब रहेगी। उन्होंने कहा कि मैदान और पहाड़ सभी क्षेत्रों में भाजपा ने 75 फीसदी से अधिक मत हासिल करने का लक्ष्य रखा हैतराई में प्रचार पर रहेगा विशेष फोकस

भाजपा ने तराई में जीत के लिए खास रणनीति बनाई है। इसके तहत आने वाले दिनों में पार्टी के शीर्ष नेताओं की यहां ज्यादा संख्या में रैली और जनसभाएं देखने को मिलेंगी। इसके साथ ही पार्टी ने यहां पर संगठन को चुस्त किया है। पार्टी ने पूर्व में लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों को इन विधानसभा क्षेत्रों में भेजकर रिपोर्ट भी तैयार कराई। उसके आधार पर इन क्षेत्रों में संगठन को मजबूत करने पर विशेष फोकस किया गया

 

 

हार का अंतर पाटने की कोशिश

भाजपा ने मैदानी जिले के बूथों पर पिछली बार के मुकाबले 370 अधिक मत हासिल करने का लक्ष्य रखा है। इसके पीछे असल मकसद हारी हुई विधानसभा क्षेत्रों में वोट बढ़ाने का है। पार्टी के रणनीतिकारों को लगता है कि यदि एक बूथ पर पिछली बार से 370 मत ज्यादा मिले तो विधानसभा चुनावों में मिली हार को अब जीत में बदला जा सकता है।भाजपा को कलियर में मिली थी सबसे बड़ी हार

 

 

विधानसभा चुनावों के दौरान हरिद्वार जिले में भाजपा पीरान कलियर सीट पर सबसे ज्यादा 15 हजार के करीब मतों से हारी थी। इसके अलावा खानपुर, मंगलौर सीट पर तीसरे स्थान पर रही। जबकि हरिद्वार की अन्य हारी हुई सीटों पर जीत हार का अंतर एक हजार से लेकर 10 हजार तक रहा था।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

न्यूज़ हाइट (News Height) उत्तराखण्ड का तेज़ी से उभरता न्यूज़ पोर्टल है। यदि आप अपना कोई लेख या कविता हमरे साथ साझा करना चाहते हैं तो आप हमें हमारे WhatsApp ग्रुप पर या Email के माध्यम से भेजकर साझा कर सकते हैं!

Click to join our WhatsApp Group

Email: [email protected]

Author

Author: Swati Panwar
Website: newsheight.com
Email: [email protected]
Call: +91 9837825765

To Top