धारचूला से मुनस्यारी तक चांदी सी चमकीं पहाड़ियां, फिर हुई बर्फबारी; जम गया नदी का पानी, तस्वारें
मुनस्यारी और धारचूला की ऊंची चाेटियाें पर फिर से बर्फबारी हुई। निचले इलाकों में बारिश होने से लोगों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ रहा है। पिथौरागढ़ में अधिकतम तापमान 12 और न्यूनतम 2 डिग्री रिकार्ड किया गया।
पिथौरागढ़ जिले में मुनस्यारी और धारचूला की ऊंची चाेटियाें पर फिर से बर्फबारी हुई। निचले इलाकों में बारिश होने से लोगों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ रहा है। पिथौरागढ़ में अधिकतम तापमान 12 और न्यूनतम 2 डिग्री रिकार्ड किया गया। मुनस्यारी नगर के आसपास के हिस्सों में बर्फबारी से तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई। मुनस्यारी में अधिकतम तापमान 5 डिग्री और न्यूनतम माइनस 1 डिग्री रहा।
जिला मुख्यालय और आसपास के क्षेत्रों में बृहस्पतिवार तड़के से हल्की बारिश शुरू हो गई। बाद में कुछ देर के लिए बारिश थमी लेकिन दोपहर में फिर से बूंदाबांदी हुई। इससे बाजार में भी अपेक्षाकृत सुनसानी रही। ग्रामीण क्षेत्रों से आवाजाही कम रही। इस सीजन में रुक-रुक कर हो रही बारिश को फसल और सब्जियों के लिए फायदेमंद बताया जा रहा है।
उधर मुनस्यारी की ऊंची चोटियों हंसलिग, राजरंभा, नाग्निधुरा, पंचाचूली और छिपलाकेदार के साथ ही कालामुनि, बेटुलीधार, ईको पार्क, खलिया टॉप, मल्ला नया बस्ती आदि जगहों पर हिमपात हुआ। निचले क्षेत्र में बारिश से लोगों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ रहा है। लोग घरों में आग का सहारा लेकर बैठे रहे। उधर धारचूला के दारमा, चौदास और व्यास घाटी में बर्फबारी होने से ठंड काफी बढ़ चुकी है। इसके चलते ग्रामीण घरों में बैठने को मजबूर हैं। ग्राम सिर्खा निवासी निरंजन पायर और राजेश ह्यांकी ने बताया कि सुबह से बर्फबारी होने से ठंड में काफी इजाफा हो गया है।
दारमा घाटी के 14 और व्यास घाटी के सात गांवों में भी बर्फबारी हुई है। होम स्टे संचालक गुड्डू दताल और गुंजी की सरपंच लक्ष्मी गुंज्याल ने बताया कि क्षेत्र में दोपहर तक छह इंच बर्फबारी हो चुकी है। उधर अस्कोट, डीडीहाट, कनालीछीना क्षेत्र में बारिश से कड़ाके की ठंड के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा।
वहीं, डीडीहाट के ऊंचाई वाले इलाकों में मौसम की तीसरी बर्फबारी हुई। भारत-नेपाल-चीन सीमा पर हिमपात के बाद तापमान गिरने से जलस्रोत जम गए। यहां तक कि कालापानी में तापमान माइनस 30 डिग्री पहुंचने से काली नदी का पानी जम गया और नदी बर्फ में तब्दील हो गई है। उद्गम स्थल कालापानी से गुंजी तक तीन किमी दायरे में पानी जमने से काली नदी का जल प्रवाह पूरी तरह थम गया है।
सीमांत जिले के निचले इलाकों में बीते बुधवार की रात से बारिश जबकि ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फ गिर गई। इससे तापमान लुढ़क गया। नेपाल और चीन सीमा पर स्थित कालापानी में तीन से चार इंच बर्फबारी हुई तो यहां का तापमान माइनस तीस डिग्री पहुंच गया। कालापानी जिले की प्रमुख काली नदी का उद्गम स्थल है।
यहां तापमान गिरने से नदी का पानी जम गया है। सूत्रों के मुताबिक तीन किमी के दायरे में पानी जमने से नदी का जल प्रवाह पूरी तरह थम गया है। गुंजी के बाद नदी का प्रवाह नजर आ रहा है। वहीं प्राकृतिक जल स्रोत जमने से पानी का संकट गहरा गया है इससे सीमा की सुरक्षा में डटे जवान और स्थानीय लोगों की दिक्कतें बढ़ गईं। वहीं माइनस 20 से 30 डिग्री तापमान के बाद भी एसएसबी के जवान सीमा पर गश्त में जुटे हैं।
लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
👉 न्यूज़ हाइट के समाचार ग्रुप (WhatsApp) से जुड़ें
👉 न्यूज़ हाइट से टेलीग्राम (Telegram) पर जुड़ें
👉 न्यूज़ हाइट के फेसबुक पेज़ को लाइक करें