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Big breaking :-बसों को पीछे खिसकने से रोकेगा हिल एसिस्ट सिस्टम, इंजन में भी अग्निशमन यंत्र लगाया

बसों को पीछे खिसकने से रोकेगा हिल एसिस्ट सिस्टम, इंजन में भी अग्निशमन यंत्र लगाया

परिवहन निगम की नई रोडवेज बसें तकनीकी तौर पर अत्याधुनिक हैं। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। किसी भी तरह की दुर्घटना के दौरान बसों में चार आपात खिड़कियां और दो छत निकासी के इंतजाम हैं।

उत्तराखंड परिवहन निगम की नई रोडवेज बसें सुरक्षा मानकों के लिहाज से अत्याधुनिक हैं। पर्वतीय मार्गों पर सुरक्षित संचालन के लिए बसों में हिल एसिस्ट सिस्टम लगाया गया है, जो बस को 30 सेकेंड तक पीछे खिसकने से रोकेगा। इंजन में आग की घटनाओं से बचने के लिए इसके अंदर अग्निशमन यंत्र लगाया गया है। इसका कनेक्शन बैटरी तक दिया गया है।

परिवहन निगम ने 100 नई बसें खरीदी हैं। इन बसों का डिजाइन केंद्रीय सड़क परिवहन संस्थान (सीआईआरटी) ने तैयार किया है। यात्रियों की सुरक्षा के लिए बसों का ऑटो शोध उद्योग मानक प्रमाणन भी कराया गया है। इसका उद्देश्य दुर्घटना के दौरान क्षति को कम करना है।

बसों को ऊंची ढलान परथा खड़ा किया जाता
परिवहन निगम के डीजीएम तकनीकी भूपेश आनंद कुशवाहा के मुताबिक पर्वतीय मार्गों की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए बसों में हिल एसिस्ट सिस्टम लगाया गया है। पहाड़ के चालकों से प्राप्त फीडबैक में जाम के दौरान जब बसों को ऊंची ढलान पर खड़ा किया जाता था, तो आगे बढ़ाते समय बसें पीछे खिसकने लगती थीं। इससे दुर्घटनाएं होती थीं।

हिल एसिस्ट सिस्टम बसों को 30 सेकेंड तक पीछे नहीं आने देगा। इसके अलावा बसों इंजन के अंदर अग्निशमन यंत्र लगाया गया है। इससे बसों में आग लगने की घटनाओं को रोका जा सकेगा। इतना ही नहीं बसों के इंजन का पॉवर बढ़ाकर 186 एचपी किया गया है। बैटरी में स्लाइडिंग प्लेट भी लगाई गई है। इससे खराबी आने पर उस प्लेट को निकालकर बदला जा सकेगा। जबकि पुरानी बसों में ये इंतजाम नहीं थे।
नई बसों में चार आपात खिड़कियां और दो छत निकासी के इंतजाम किए

तकनीकी विभाग के अधिकारियों के मुताबिक जहां पुरानी बसों में दो ही आपात खिड़कियां होती थीं, वहीं नई बसों में इनकी संख्या बढ़ाकर चार की गई है। इसके अलावा दो छत निकासी के भी इंतजाम किए गए हैं। इससे दुर्घटना के दौरान बस में सवार यात्रियों को जल्दी बाहर निकाला जा सकेगा। बसों में सीटें भी 32 से बढ़ाकर 38 की गई है। जबकि चौड़ाई और लंबाई सरकारी मानकों के अनुरूप क्रमश: 2.5 मीटर और 8.7 मीटर रखी गई है।

ये भी तकनीकी स्थापित की गई है बसों में

1- दिव्यांगों के लिए चिह्नित सीटों पर सहायता उपकरण रखने के इंतजाम किए गए हैं।

2- 10 किलोग्राम के दो अग्निशमन यंत्र

3- किनारे वाली सीटों में आर्म रेस्ट

4- यात्रियों के लिए मोबइल चार्जिंग प्वाइंट

5- सामान रखने के लिए परिचालक सीट के आगे और चालक सीट के पीछे जगह बनाई गई

6- बोतल हैगिंग और मैगजीन रैक के इंतजाम

7- यात्रियों का सामान न गिरे इसके लिए ऊपरी रैक को अब घुमावदार किया गया है।

नई बसों को यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिहाज से आधुनिक तरीके से तैयार किया गया है। सुरक्षा से जुड़े कई उपकरण लगाए गए हैं, जो दुर्घटना के दौरान क्षति को कम करेंगे। – क्रांति सिंह, महाप्रबंधक संचालन, उत्तराखंड परिवहन निगम

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Author: Pankaj Panwar
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