नदियों से मलबा न हटाने पर हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब, जुलाई अंतिम सप्ताह में अगली सुनवाई
चोरगलिया निवासी समाजसेवी भुवन चंद्र पोखरिया ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि नंधौर सहित गौला, कोसी, गंगा और दाबका में हो रहे भूकटाव व बाढ़ से नदियों के मुहाने अवरुद्ध हो गए हैं।
नंधौर समेत प्रदेश की अन्य नदियों का चैनलाइजेशन न करने, बाढ़ राहत के कार्य न करने और नदियों से मलबा न हटाने के मामले में दायर जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में सुनवाई हुई। अदालत ने राज्य सरकार से इस मामले में दो सप्ताह के भीतर स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है। मामले की अगली सुनवाई जुलाई अंतिम सप्ताह में होगी
चोरगलिया निवासी समाजसेवी भुवन चंद्र पोखरिया ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि नंधौर सहित गौला, कोसी, गंगा और दाबका में हो रहे भूकटाव व बाढ़ से नदियों के मुहाने अवरुद्ध हो गए हैं। इनको अभी तक चैनलाइज नहीं किया गया है, जिससे अबादी क्षेत्रों में जलभराव और भू कटाव हो रहा है। कहा गया कि हाईकोर्ट के पूर्व के आदेश का अनुपालन भी नहीं हुआ है। 15 जून के बाद मानसून सीजन शुरू हो जाता है, ऐसे में पूर्व के आदेश का पालन शीघ्र कराया जाए।
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