हाईकोर्ट ने स्थानांतरण एसओपी की स्थगित, चार हफ्ते में सरकार से मांगा जवाब, 26 को अगली सुनवाई
कमल सिंह व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर 23 दिसंबर 2024 के सरकार के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसके तहत 4 जून 2024 को जारी जीओ के माध्यम से कैडर परिवर्तन के लिए नियत एसओपी में संशोधन किया गया था।
नैनीताल हाईकोर्ट ने 23 दिसंबर 2024 के सरकारी आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के बाद स्थानांतरण एसओपी को स्थगित करते हुए अंतरिम आदेश देते हुए सरकार को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई के लिए 26 मार्च को होगी।
न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार कमल सिंह व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर 23 दिसंबर 2024 के सरकार के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसके तहत 4 जून 2024 को जारी जीओ के माध्यम से कैडर परिवर्तन के लिए नियत एसओपी में संशोधन किया गया था। याचिकाकर्ताओं ने सहायक अध्यापक एलटी ग्रेड के अंतर-क्षेत्रीय स्थानांतरण आदेश से संबंधित निदेशालय के 6 मार्च 2025 के संवाद को भी चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया था कि यह एसओपी स्थानांतरण अधिनियम 2017 के प्रावधानों के विरुद्ध है।
मामले में सरकार की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता जो अतिथि शिक्षक हैं, उन्होंने याचिका में इसका कोई कारण नहीं बताया कि नियमित शिक्षकों के स्थानांतरण से वे कैसे प्रभावित होते हैं। वहीं, सरकार ने कहा कि इस आधार पर याचिका पोषणीय नहीं है और याचिका केवल प्रत्याशा पर आधारित थी क्योंकि अब तक कोई स्थानांतरण आदेश पारित किया ही नहीं गया था। सरकार ने कहा कि स्थानांतरण अधिनियम, धारा 17(2)(ई) में अंतर-क्षेत्रीय स्थानांतरण की प्रक्रिया स्पष्ट की गई है इसलिए इसे नियम का उल्लंघन नहीं कहा जा सकता है। याचिका में स्थानांतरण अधिनियम की धारा 27 के उल्लंघन का कोई दस्तावेज या प्रमाण नहीं दिया गया है जबकि एसओपी के खंड 15 में ही यह स्पष्ट किया गया है कि स्थानांतरण से अधिनियम का उल्लंघन नहीं होगा।
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