UTTARAKHAND NEWS

Big breaking :-हाईकोर्ट का आदेश- नैनीताल जेल से कैदियों को शीघ्र सितारगंज जेल में शिफ्ट किया जाए

NewsHeight-App

हाईकोर्ट का आदेश- नैनीताल जेल से कैदियों को शीघ्र सितारगंज जेल में शिफ्ट किया जाए

नैनीताल जेल में कैदियों को रखने की क्षमता 71 है, लेकिन वर्तमान में 164 कैदी रख गए हैं। हाईकोर्ट ने कैदियों को नैनीताल जेल से सितारंगज जेल शिफ्ट करने के आदेश दिए हैं।

 

 

 

नैनीताल हाईकोर्ट ने नैनीताल जेल में फैली अवस्थाओं व जेल के जर्जर भवन का स्वतः संज्ञान वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद नैनीताल जेल से कैदियों को शीघ्र सितारगंज जेल में शिफ्ट करने को कहा है। साथ ही कोर्ट ने जेल प्रशासन से कहा है कि सितारगंज जेल में सजा काट चुके कैदियों को रिहा करने के लिए सरकार से अनुमति लेकर रिहा करें। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 अप्रैल की तिथि नियत की है।

 

 

 

मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट की ओर से नियुक्त न्यायमित्र अधिवक्ता ने कोर्ट को अवगत कराया कि नैनीताल जेल के 40 कैदी एड्स के मरीज है। इन कैदियों के लिए अलग से रहने की व्यवस्था की जाए। सुनवाई पर आईजी जेल विमला गुंजियाल कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुई। उन्होंने कोर्ट से कहा कि इस जेल में सात बैरक है जिसकी क्षमता 71 कैदी रखने की है। जबकि वर्तमान में यहां क्षमता से कई अधिक कैदी रखे हुए है। जगह की कमी के कारण जेल का विस्तारीकरण नही हो पा रहा है।

 

 

 

जेल के विस्तारीकरण करने के लिए उन्हें 10 एकड़ भूमि की आवश्यकता है।यह भूमि रामनगर में है। इस पर कोर्ट ने कहा कि सितारगंज जेल बड़ी जेल है जो 500 एकड़ भूमि पर बनी हुई है और इस जेल में कई सुविधाएं उपलब्ध हैं इसलिए इन कैदियों को वहां शिफ्ट किया जाए। पूर्व में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने नैनीताल जेल के निरीक्षण के दौरान पाया कि 1906 में बना जेल का भवन काफी पुराना हो चुका है जो जर्जर हालत में पहुंच चुका है। जेल में क्षमता से अधिक कैदियों को रखा गया है। जेल में बंद कैदियों के लिए मूलभूत सुविधाओं का अभाव है।

 

 

 

जेल भवन मुख्य सड़क से काफी दूरी पर स्थित है। कैदियों के बीमार पड़ने पर उन्हें समय पर हॉस्पिटल पहुंचाने में दिक्कतें होती है। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि नैनीताल जेल भवन भूगर्भीय दृष्टि से भी संवेदनशील है। जो कभी भी भूस्खलन की जद में आ सकता है। जिसका उच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लिया था

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

न्यूज़ हाइट (News Height) उत्तराखण्ड का तेज़ी से उभरता न्यूज़ पोर्टल है। यदि आप अपना कोई लेख या कविता हमरे साथ साझा करना चाहते हैं तो आप हमें हमारे WhatsApp ग्रुप पर या Email के माध्यम से भेजकर साझा कर सकते हैं!

Click to join our WhatsApp Group

Email: [email protected]

Author

Author: Swati Panwar
Website: newsheight.com
Email: [email protected]
Call: +91 9837825765

To Top