उत्तराखण्ड पुलिस के जवान राजकुमार द्वारा मेरी बुक “साइबर एनकाउंटर्स” की समीक्षा।
साइबर एनकाउंटर 12 सच्ची घटनाओं पर आधारित कहानी संग्रह है, जिसके रचनाकार पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड श्री अशोक कुमार (आईपीएस) साथ में ओपी मनोचा डीआरडीओ से सेवानिवृत्त वैज्ञानिक हैं। यहां पर हर कहानी साइबर अपराधियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली किसी न किसी चाल को उजागर करती है।
आज जब पूरी दुनिया साइबर अटैक से जूझ रही है दिन प्रतिदिन साइबर अपराध बढ़ रहे हैं, सुपरस्टार अमिताभ बच्चन तक इस हमले से नहीं बच सके….ऐसे में प्रत्येक कहानी जालसाजों द्वारा अपनाई जाने वाली युक्तियों और स्वयं को धोखाधड़ी से कैसे सुरक्षित रखा जाए के बारे में हमें समृद्ध बनाती है।
जब लोगों को अपने रोजमर्रा के सामान के लिए सैकड़ों किलोमीटर दूर जाना पड़ता था तब लोगों ने कल्पना भी नहीं की होगी कि एक दिन सब कुछ ऑनलाइन हो जाएगा, आज गांव गांव में अमेज़न ईकार्ड जैसी कंपनियों ने सब कुछ आसान कर दिया,
अब जब सब कुछ ऑनलाइन हो गया लोग डिजिटल हो गए तो चोर भी डिजिटल हो गए जिन युवाओं को पढ़ लिखकर देश को गौरी शंकर की ऊंचाई पर लेकर जाना था देश में चार चांद लगाने थे वे आज ऑनलाइन अपराधी बने हैं। डाकू मंगल सिंह का जमाना अब नहीं रहा आज समय के साथ-साथ सब कुछ बदल गया पढ़े-लिखे आई.टी. एक्सपर्ट युवक पांच सितारा होटलों में बैठकर डकैती कर रहे हैं, जब पढ़े-लिखे लोग अपराधी बन गए और ऐसे अपराधी जो अदृश्य हैं तो यह पुलिस के लिए एक नई चुनौती है पर पुलिस हर चुनौती का सामना करने को हमेशा तैयार रहती है, इन चुनौतियों का सामना पुलिस कैसे करती है किताब में यह भी गहराई से बताया गया है लोग जान सकेंगे कि पुलिस कितनी विषम परिस्थितियों में जान जोखिम में डालकर चुनौतियों का सामना करती है।
अशोक कुमार खुद आई.आई.टी. दिल्ली से बी.टेक. एम.टेक. है तो वे साइबर अपराध के प्रति हमेशा सजग और सक्रिय रहते हैं, उन्होंने साइबर थाने हाईटेक बना दिए हैं क्योंकि वे जानते हैं कि आने वाला समय cyber-attack का है इसलिए इससे निपटने को हमें हर वक्त तैयार रहना चाहिए। आज साइबर अपराधों का पता लगाने और अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने में उत्तराखंड पुलिस देश के लिए एक मिसाल बन चुकी है इन 12 रोचक कहानियों के जरिए लोग जान सकेंगे कि साइबर अटैक कभी भी किसी भी वक्त दुनिया के किसी भी कोने से हो सकता है।
पहली कहानी “विषकन्या” उन लोगों के लिए सीख और प्रेरणा का स्रोत है जिनकी पत्नी का देहांत हो चुका है जो अपने को अकेला महसूस करते हैं और फेसबुक, इंस्टाग्राम पर दिल बहलाते हैं। अजय भी एक विषकन्या का शिकार हुआ जिससे वह कभी मिला ही नहीं था, बस उसका दिल बहलाने के लिए वह उसे व्हाट्सएप वीडियो कॉल किया करती थी एक दिन उसने ऐसा जहर उगला अजय की भविष्य निधि, जमा पूंजी सब कुछ खाली कर दिया….
“लॉटरी, जो कभी खेली ही नहीं थी” एक ऐसी लड़की की कहानी है जो करोड़पति बनने के लालच में जाने अनजाने में अपने ही ऑफिस में चोरी कर बैठती है हालांकि उसका सोचना था कि लॉटरी के पैसे मिलते ही ऑफिस के पैसे वापस रख दूंगी पर ऐसा हुआ नहीं वह अपनी सारी जमा पूंजी के साथ ऑफिस के पैसे भी गवा बैठी।
“पुलिस प्रमुख की ही फेक आई.डी. बना डाली” कहानी में बताया गया कि कैसे साइबर अपराधी प्रभावशाली लोगों की फेसबुक आई.डी. बनाकर ठगी करते हैं। कहानी को काफी रोचक तरीके से लिखा गया है, इंस्पेक्टर कैलाश की मेहनत पुलिस और अपराधियों के बीच चोर पुलिस का खेल जो महीनों तक चलता रहा कहानी को दिलचस्प बनाता है।
“लालच बुरी बला” जब उत्तराखंड पुलिस ने किया एक बहुत बड़ी जालसाजी का खुलासा जो देश भर में मिसाल बन गई पावर बैंक ऐप का नाम बहुत लोगों ने सुना होगा बहुत से लोग इसका शिकार भी हुए होंगे, इसमें लोगों ने लाखों रुपए इन्वेस्ट किए क्योंकि कंपनी लोगों के पैसे दोगुने कर रही थी, लोग इस जाल में फंस गए सुनील और उसके भाई का व्यापार लॉकडाउन में जब बंद हो गया तो घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया उन्हें इस ऐप का पता चला तो उन्होंने शॉर्टकट में पैसे कमाने की तरकीब अपनाई कुछ दिन तक उनका पैसा दोगुना होता रहा फिर उन्होंने जमा पूंजी एक साथ लगा दी और अपनी मेहनत की पूरी कमाई से हाथ धो बैठे। उत्तराखंड पुलिस ने इसका खुलासा कर अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाकर पूरे देश को इस तरह की ऐप से सावधान और जागरूक किया।
“जब निकाल ली ठगों ने प्लास्टिक मनी की मनी” टीटू दुकान पर बैठकर एक दिन जब इलेक्ट्रॉनिक सर्किट पर काम कर रहा था तो मुन्ना ने उत्सुक होकर उसके बारे में पूछा, टीटू ने उसे डिवाइस की जानकारी दी तो मुन्ना ने उसे बताया कि यदि यह डिवाइस हमें मिल जाए तो हम इसे किसी भी एटीएम में लगाकर डेबिट और क्रेडिट कार्ड की गुप्त जानकारी पढ़ सकते हैं और आसानी से कार्ड का क्लोन बना सकते हैं फिर उन्होंने चांदनी चौक के इलेक्ट्रॉनिक मार्केट से यह डिवाइस खरीदी और देहरादून के नेहरू कॉलोनी के एटीएम में इसे इस्तेमाल कर लोगों के डेबिट और क्रेडिट कार्ड से सारा पैसा उड़ा लिया। 2017 में एटीएम कार्ड में चिप नहीं होती थी उस समय एक मैग्नेटिक स्ट्रिप में ही लोगों का डाटा स्टोरेज रहता था इसके बाद उत्तराखंड पुलिस द्वारा बैंकों को एटीएम कार्ड अपग्रेड का सुझाव दिया गया देश में कार्ड क्लोनिंग अपराधों की संख्या इस वक्त बढ़ रही थी जिन पर अंकुश लगाने में उत्तराखंड पुलिस का बहुत बड़ा योगदान रहा।
“दुनिया का सबसे महंगा पिल्ला!” जब मधु और उसकी 9 साल की बेटी को पिल्ले से ऑनलाइन प्यार हो गया पिल्ले की तस्वीर इतनी खूबसूरत और आकर्षक थी कि उसने इन्हें सम्मोहित कर दिया,मात्र 15000 के पिल्ले के लिए मधु ने अपनी जमा पूंजी से 66 लाख रुपए लूटा दिए। इतनी मोटी रकम जालसाजों ने मधु कैसे लपेटी यह तो पूरी कहानी पढ़कर ही पता चल पाएगा परंतु यह कहानी ऑनलाइन खरीदारी करने वालों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, उन्हें सचेत करती है कि ऑनलाइन शॉपिंग भुगतान कैसे करें यह कहानी आईटी अधिनियम की बाधाओं को भी सामने लाती है।
“फर्जी कॉल सेंटर लूट रहे विदेशियों को” अमेरिका में बैठा हेडली सोच भी नहीं सकता था कि उसे देहरादून में बैठे कुछ भारतीय साइबर अपराधियों द्वारा चुना लगाया जाएगा उसने इस तरह की कभी कल्पना भी नहीं की होगी। आज हर चीज के फर्जी कॉल सेंटर खुल गए हैं जिनके जाल में आदमी जाने अनजाने में फंस जाता है कहानी फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश करती है और लोगों को ऐसे ठगों से सतर्क रहने की सलाह देती है।
“सेक्सटॉर्शन” जब सब कुछ ऑनलाइन हो गया तो लोग आज विभिन्न साइटों पर जाकर ऑनलाइन रिलेशनशिप भी तलाश रहे हैं। 35 वर्षीय लकी एक बिजनेसमैन था उसकी पत्नी सिमरन 2 साल से बीमार थी जिस कारण वह पत्नी के साथ शारीरिक संबंध स्थापित नहीं कर पा रहा था इस बात को लेकर वहा उदास परेशान रहने लगा तो वह पोर्न वीडियो देखकर मन बहलाने लगा और सोशल मीडिया पर महिलाओं को मित्र बनाकर एक ऐसे मित्र की तलाश करने लगा जो उसके खालीपन को भर सके वह अपना पूरा समय सोशल मीडिया को देने लगा जिसकी वजह से वह एक दिन सेक्सटॉर्शन का शिकार हो गया। इनका शिकार ज्यादातर अविवाहित युवा और अमीर लोग बनते हैं क्योंकि वह पॉर्नोग्राफिक साइटों पर वीडियो देखते रहते हैं जिससे साइबर अपराधी इनका डाटा उठाकर इनके संपर्क में आते हैं फिर यह लोग आसानी से इनका शिकार हो जाते हैं। यह कहानी उन लोगों के लिए सीख है जो सोशल मीडिया पर शारीरिक संबंध की पूर्ति की खोज में लगे हैं।
“अपने ही जाल में फंसा फिशिंग माफिया” फिशिंग एक ऐसा फ्राड है जो कहीं पर भी किसी के साथ हो सकता है आदमी के साथ 2 मिनट में फ्रॉड हो जाता है, सुपरस्टार अमिताभ बच्चन भी इसके शिकार हुए थे और 5 लाख गवा बैठे। इसमें अपराधी लोगों को हिट एंड ट्रायल कॉल करते हैं डरा धमकाकर फसाने की कोशिश करते हैं फिर किसी मासूम के फस जाने पर उसका एटीएम कार्ड नंबर बैंक खाता और अन्य व्यक्तिगत विवरण प्राप्त करके उनके खाते से रकम की सफाई करते हैं, टैक्सी चालक देव के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ देहरादून से 2000 किलोमीटर दूर जामताड़ा में बैठे किशोरी ने बैंक मैनेजर बनकर उसे डराया धमकाया तो उसने पूरी जानकारी उससे साझा की कुछ ही देर में देव का अकाउंट खाली हो गया।
“हेली की सवारी पड़ी भारी” श्लोक ने कभी सोचा भी नहीं था कि केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर की उड़ान उसे ठगों के चक्कर में फंसा देगी, श्लोक का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता था पर उसके मन में बाबा केदार के दर्शन की प्रगाढ़ इच्छा थी वह किसी भी हाल में बाबा के दर्शन करना चाहता था ऐसे में उसने हेली से जाने का फैसला किया आजकल यात्रा सीजन पूरे जोर पर था सो ऐसे में हेली का टिकट मिलना इतना आसान नहीं था उसने देहरादून में भतीजे से बात की, उसे इंटरनेट पर हेली सेवा की एक वेबसाइट मिली जो सस्ता और बढ़िया पैकेज दे रही थी उसने चाचा की टिकट बुकिंग तो श्लोक ने अपने अन्य साथियों को इसके बारे में बताया तो भरोसा करके सबने टिकट बुक की जो थी ही नहीं। महाराष्ट्र के लोग यह जानकर आश्चर्य में पड़ गए की तीर्थ यात्रियों को भी ऐसे ठगा जा रहा है उत्तराखंड पुलिस इस बात को लेकर काफी गंभीर थी कि यहां की पावन धरती पर लोग असीम आस्था के साथ आते हैं और यहां पर कुछ जालसाज तीर्थ यात्रियों के साथ ऑनलाइन अपराध को अंजाम देकर यहां का नाम खराब कर रहे हैं जिसे देख पुलिस महानिदेशक ने आदेश जारी किया कि इस ठगी के दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। पुलिस हरकत में आई और दोषियों को सलाखों के पीछे पहुंचाकर लोगों को हेली सेवा के प्रति जागरूक किया।
“करोड़पति बनने का ख्वाब पड़ा महंगा” सुमित ने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि ऑनलाइन ट्रेडिंग से जितनी तेजी से उसने मुनाफा कमाया था उतनी ही तेजी से नष्ट हो जाएगा हालांकि वह ऑनलाइन व्यवसाय करने से घबराता था परंतु वह ओलिविया के जाल में फंस गया, उस सुंदर युवती ने उसके दिमाग पर साइबर अटैक कर उसकी तार्किक क्षमता को पूरी तरह नष्ट कर दिया और वह साइबर क्राइम का शिकार हो गया।
“बैंकर ने ही लूट डाला खाता” आकाश के पैरों तले तब जमीन खिसक गई जब उसे पता चला कि उसका ही बैंकर मित्र नौटियाल उसके साथ इतना बड़ा धोखा करेगा वह यह जानकर भी हैरान था कि बैंक कर्मचारी जिनके पास हमारी पूरी जानकारी रहती है वे लोग भी धोखाधड़ी कर सकते हैं, लोग अपनी मेहनत की कमाई सुरक्षित बैंकों में जमा करते हैं तो उन्हें इसे दृढ़ता से निभाना चाहिए। बैंक कर्मचारी नौटियाल के खर्चे बढ़ चुके थे वह अपनी वेतन से संतुष्ट नहीं था, घर वालों का भी उसके ऊपर दबाव बना रहता था, इन सब से बाहर निकलने के लिए उसने अपने दो मित्रों के साथ मिलकर आकाश के निष्क्रिय खाते से डाटा चुरा कर बड़ी चतुराई से 30 लाख निकाल लिए। कहानी से सीख मिलती है कि खाते में गलत शेष राशि अस्पष्टिकृत एवं निष्क्रिय खातों जैसी परिस्थितियों में हमें सतर्क रहना चाहिए।
अंत में मैं पुलिस महानिदेशक श्री अशोक कुमार (आईपीएस) और ओ.पी.मनोचा जी को हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करता हूं जिन्होंने अपनी लेखनी से इतनी सुंदर कहानियां लिखी हैं जो जानकारी पूर्ण और रुचिकर हैं तथा पाठकों को विभिन्न प्रकार के साइबर अपराधों से परिचित और सचेत कराती हैं। कहानियां कहीं पर भी बोरियत नहीं करती हैं बल्कि आगे क्या होगा वे अपराधी कैसे पकड़े जाएंगे जो अदृश्य हैं ? जिनका कहीं कोई सुराग नहीं उन तक पुलिस कैसे पहुंचेगी ? किन किन उपकरणों का उपयोग करेगी? यह सब जानने के लिए कहानियां अंत तक पाठक को बांधकर रखती हैं।
मैं उत्तराखंड पुलिस के सराहनीय कार्य की प्रशंसा करता हूं और वे दक्ष पुलिसकर्मी भी बधाई के पात्र हैं जो विषम परिस्थितियों में जान जोखिम में डालकर साइबर अपराधियों तक पहुंचे और पीड़ित को न्याय तथा अपराधियों को सजा दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
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