अब ऋषिकेश में ऑटोमेटेड मोड पर होगा ड्राइविंग टेस्ट, एआरटीओ ऋषिकेश में आधुनिक उपकरणों से लैस हुआ ट्रैक
अगर आप ऋषिकेश एआरटीओ कार्यालय में लाइसेंस बनाने की सोच रहे हैं तो आने वाले दिनों में आपको ड्राइविंग टेस्ट के लिए आटोमेटेड मोड की प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। सेंसर मशीन आपके ड्राइविंग प्रदर्शन के आधार पर टेस्ट में पास या फेल करेंगी।
एआरटीओ ऋषिकेश में ड्राइविंग टेस्ट के लिए आटोमेटेड मोड पर ट्रैक का निर्माण अंतिम चरण में है।अगर आप ऋषिकेश एआरटीओ कार्यालय में लाइसेंस बनाने की सोच रहे हैं तो आने वाले दिनों में आपको ड्राइविंग टेस्ट के लिए आटोमेटेड मोड की प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा।सेंसर मशीन आपके ड्राइविंग प्रदर्शन के आधार पर टेस्ट में पास या फेल करेंगी। एआरटीओ ऋषिकेश में ड्राइविंग टेस्ट के लिए आटोमेटेड मोड पर ट्रैक का निर्माण अंतिम चरण में है। अब परिवहन विभाग चुनावी आचार संहिता समाप्त होने के बाद इसका संचालन शुरू करेगा।देहरादून के बाद अब परिवहन विभाग ऋषिकेश एआरटीओ कार्यालय में भी लाइसेंस बनवाने के लिए ड्राइविंग टेस्ट को आटोमेटेड मोड पर शुरू करने जा रहा है। वर्तमान में देहरादून एआरटीओ की ओर से झाझरा स्थित ड्राइविंग टेस्ट इंस्टीट्यूट पर आटोमेटेड मोड पर लाइसेंस बनवाने के लिए ड्राइविंग टेस्ट लिए जा रहे हैं।
इसके संचालन का जिम्मा मारुति सुजुकी कंपनी के पास है। परिवहन विभाग लंबे समय से अन्य एआरटीओ कार्यालय में भी ड्राइविंग टेस्ट को आटोमेटेड मोड पर शुरू करने का प्रयास किया जा रहा था।
एआरटीओ परिसर स्थित ट्रैक में कई सेंसर व आधुनिक मशीनें स्थापित कर दी गई हैं। ट्रैक में चार से पांच जोन बनाए गए हैं। हर ट्रैक में चालक को ट्रैफिक नियम से जुड़ी अलग परीक्षा से होकर गुजरना पड़ेगा। अगले कुछ दिनों में यह ट्रैक आटोमेटेड मोड पर बनकर तैयार हो जाएगा। इसका संचालन परिवहन विभाग करेगा।ऐसे होगा आटोमेटेड मोड पर ड्राइविंग टेस्ट
– टेस्ट शुरू होने पर कार व अन्य वाहन पर चालक के आगे कैमरा सेट किया जाएगा, जिसमें जो पूरे टेस्ट में निगरानी रखेगा। एक विशेष एप पर टेस्ट शुरू करने के लिए ओके के बटन पर क्लिक करना होगा।
– इसके तुरंत बाद सेंसरयुक्त बैरिकेडिंग खुद ऊपर उठ जाएंगे और सामने रेड लाइट हटकर ग्रीन सिग्नल देगी, जिसके बाद टेस्ट देने वाला व्यक्ति वाहन चलाना शुरू करेगा। अगले जोन में जमीन के भीतर लगे सेंसर को क्रास करने पर सामने जैबरा क्रासिंग पर रेड लाइट सिग्नल मिलेगा, जिस पर वाहन को तुरंत रोकना होगा।
– कई मोड़ पर सड़क किनारे सेंसरयुक्त डिवाइडर लगाए गए हैं, जिनमें वाहन टकराने पर यह आपके प्रदर्शन में नकारात्मक प्रभाव डालेगा।
– हर जोन को पार करने के लिए अधिकतम समय निर्धारित किया जाएगा, जिससे अधिक समय लेने पर आपके प्रदर्शन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
– ट्रैक में बीच में विशेष स्थानों पर पार्किंग भी बनाई गई है, जहां चालक को कुछ समय के लिए वाहन को निर्धारित स्थान पर खड़ा करना होगा।
– ट्रैक के अंतिम पड़ाव से पहले चढ़ाईनुमा ट्रैक भी तैयार किया है, जिसमें चालक को चढ़ाई व उतराई से गुजरना होगा।
– आटोमेटेड मोड पर होने वाले ड्राइविंग टेस्ट के दौरान विभिन्न स्थानों पर लगे सेंसर आपके ड्राइविंग टेस्ट की रिपोर्ट तुरंत प्रस्तुत कर सकेंगे, जिसमें टेस्ट के दौरान ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन की संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो सकेगी। इसी आधार पर आवेदक को टेस्ट में पास या फेल घोषित भी किया जाएगा।टेस्ट में आएगी पारदर्शिता, दबाव भी कम होगा
ड्राइविंग टेस्ट आटोमेटेड मोड पर होने से विभाग को बड़ी राहत मिलेगी। इससे ड्राइविंग टेस्ट में पारदर्शिता आएगी और टेस्ट में पास व फेल करने को लेकर आवेदकों के साथ विवाद से निजात मिलेगी। इसके अलावा ऋषिकेश में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आने वाले आवेदनों की संख्या में भी कमी आएगी।
बता दें कि देहरादून में आटोमेटेड मोड पर ड्राइविंग टेस्ट शुरू होने के बाद देहरादून के लोग ऋषिकेश में लाइसेंस बनाने आते हैं, क्योंकि यहां टेस्ट प्रक्रिया ज्यादा सरल है। वहीं, ऋषिकेश, डोईवाला, हरिद्वार, टिहरी व पौड़ी से भी सबसे नजदीक है, इसलिए यहां आवेदनों में खासा इजाफा देखा जाता है।
ड्राइविंग टेस्ट में पारदर्शिता लाने व डिजीटलीकरण को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से ऋषिकेश एआरटीओ कार्यालय में ड्राइविंग टेस्ट का आटोमेटेड मोड पर संचालन शुरू किया जा रहा है। ट्रैक में सेंसर व अन्य उपकरण लगाए जा चुके हैं। आचार संहिता खत्म होने के बाद ट्रैक का विधिवत शुभारंभ किया जाएगा। देहरादून के बाद ऋषिकेश में यह प्रयोग किया जाएगा। हम सबके लिए यह बड़ी उपलब्धि होगी – अरविंद पांडे, एआरटीओ ऋषिकेश
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