स्कूल में हिजाब पहने मिलीं कई शिक्षिकाएं-छात्राएं, पाक के पूर्व पीएम की फोटो देख चौंकी आयोग की टीम
आयोग को मिली शिकायत में कहा गया है कि स्कूल में मुस्लिम शिक्षकों को अधिक और हिंदू शिक्षकों को कम वेतन दिया जा रहा है। मुस्लिम छात्राएं हिजाब पहनकर आती हैं। कक्षा के बीच में नमाज पढ़ने के लिए बच्चों को पास के मदरसे में ले जाया जाता है।
शिकायतों के बाद जब बाल आयोग की टीम जीवनगढ़ स्थित ब्राइट एंजल स्कूल में निरीक्षण को पहुंची तो कई शिक्षिकाएं और छात्राएं हिजाब पहने मिलीं। टीम ने अभिलेखों की भी जांच की। इसमें स्कूल के कृषि भूमि पर बने होने सहित कई कमियां पाई गईं। इस पर बाल आयोग की अध्यक्ष ने उच्च स्तरीय जांच कमेटी बनाने के निर्देश दिए।
स्कूल के खिलाफ मिली शिकायतों पर शनिवार को बाल आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना के नेतृत्व में टीम ने स्कूल का निरीक्षण किया। इस दौरान टीम ने स्कूल के अभिलेख खंगाले। साथ ही कुछ दस्तावेज टीम साथ लेकर भी गई। टीम ने विद्यालय परिसर, कक्षा-कक्षों से लेकर कार्यालयों की जांच भी की। आयोग की अध्यक्ष ने बताया कि निरीक्षण में प्रथम दृष्टया विद्यालय की भूमि का उपयोग नहीं बदला गया है। साथ ही भवन मानचित्र भी नहीं है।
विद्यालय के ध्वस्तीकरण और सील करने के एमडीडीए के आदेश, कार्रवाई पर विद्यालय का लिया गया स्टे आर्डर से संबंधित दस्तावेज भी मिले हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग के पास होने के कारण स्कूल सुरक्षा की दृष्टि से खतरनाक है। स्कूल में बहुत सी बालिकाएं और शिक्षिकाएं हिजाब पहने भी मिलीं। कर्मचारियों की सैलरी भी कम दी जा रही है। परिसर में जगह-जगह कांटेदार और बिजली के तार बिखरे मिले।
मान्यता हिंदी की, पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम से
अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने बताया कि विद्यालय की मान्यता भी हिंदी माध्यम से ली गई है, जबकि शिक्षा अंग्रेजी माध्यम से प्रदान की जा रही है। चैरिटी की सूची भी उपलब्ध नहीं कराई गई है। इस दौरान आयोग के सदस्य विनोद कपरवाण, खंड शिक्षा अधिकारी वीपी सिंह, विधि अधिकारी ममता रौथाण, बाल मनोवैज्ञानिक निशांत, इकबाल, बचपन बचाओ आंदोलन के राज्य समन्वयक सुरेश उनियाल मौजूद रहे।शिकायत में ये लगाए गए हैं आरोप
आयोग को मिली शिकायत में कहा गया है कि स्कूल के प्रस्ताव की तिथि, नियमावली पंजीकृत विधान के अनुसार नहीं है। भवन गैरकानूनी ढंग से बनाया गया है। भूमि उपयोग, शिक्षक-शिक्षिकाओं का वेतन संदेहास्पद है। मुस्लिम शिक्षकों को अधिक और हिंदू शिक्षकों को कम वेतन दिया जा रहा है। मुस्लिम छात्राएं हिजाब पहनकर आती हैं। कक्षा के बीच में नमाज पढ़ने के लिए बच्चों को पास के मदरसे में ले जाया जाता है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ विद्यालय प्रबंधन समिति के मुखिया की भारतीय सेना की वर्दी में फोटो, प्रबंधन समिति में सीमा पार के लोगों का उल्लेख होने, शिक्षा, लोनिवि, एमडीडीए से संबंधित अनियमितताओं की शिकायतें भी शामिल हैं।
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