15 दिनों से धराली में बनी कृत्रिम झील में डूबा हुआ है गंगोत्री हाईवे, आवागमन ठप
उत्तरकाशी के हर्षिल-धराली में कृत्रिम झील बनने से गंगोत्री हाईवे 15 दिनों से बाधित है। चैनलाइजेशन के प्रयास विफल रहे हैं। भागीरथी नदी का पानी हाईवे पर बह रहा है। सेना की मशीनें दलदल में फंस रही हैं जिससे मुश्किलें बढ़ गई हैं। स्थानीय लोग हाईवे को जल्द बहाल करने की मांग कर रहे हैं ताकि भारी मशीनें पहुंचाई जा सकें।
पिछले 15 दिनों से गंगोत्री हाईवे का 100 मीटर हिस्सा हर्षिल-धराली में बनी कृत्रिम झील के कारण डूबा हुआ है। चैनलाइजेशन के काम के बावजूद झील को खोलने में आशातीत सफलता नहीं मिल पा रही है। हालांकि पूर्व में चैनलाइजेशन के काम से झील का पानी कुछ कम जरुर हुआ था। लेकिन हाईवे की ओर बह रही भागीरथी नदी का पानी नहीं उतरने से वाहनों व मशीनों का आवागमन नहीं हो पा रहा है।
बता दें कि बीते पांच अगस्त को खीर गंगा नदी में आए सैलाब के चलते जहां धराली आपदा की मार झेल रहा है। वहीं, हर्षिल के पास तेलगाड के उफान के कारण आए मलबे के कारण भागीरथी नदी का प्रवाह अवरुद्ध होने से बनी कृत्रिम झील के कारण हर्षिल भी आपदा की मार झेल रहा है। यहां 15 दिन बाद भी गंगोत्री हाईवे का करीब 100 मीटर हिस्सा झील के कारण जलमग्न है।
पूर्व में सेना की ओर से बैक हो लोडर से झील खोलने का प्रयास किया गया था, लेकिन वह मशीन झील में दलदल के चलते डूब गई थी, इसके बाद से सेना ने यहां दोबारा मशीन नहीं उतारी। गत शनिवार को झील का जलस्तर कुूछ कम होने पर प्रशासन की पहल पर यहां सेना से दोबारा अपनी मशीन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया था, तब जाकर सेना ने यहां गत मंगलवार को अपनी मशीन उपलब्ध कराई।
हालांकि झील के कारण दलदली भूमि होने से यहां मशीन के संचालन में दिक्कत आ रही थी। जानकारी के अनुसार बुधवार को यहां मशीन से कुछ खास काम नहीं हो पाया। इस कारण झील के चलते हाईवे से होकर बह रही नदी का पानी भी नहीं उतर पाया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि एक बार गंगोत्री हाईवे बहाल हो जाएगा तो यहां पर भारी मशीनें पहुंचाई जा सकती हैं। इसलिए यहां सबसे पहले हाईवे की बहाली पर फोकस किए जाने की जरुरत है।

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