कांग्रेस के विधायक हरीश धामी मैं अपने ही कांग्रेस के नेताओं को कोसा तो अब हरीश रावत हरीश धामी के पक्ष में खड़े हो गए हैं हरीश धामी ने सोशल मीडिया में कहा कि
अभी-अभी मेरे एक दोस्त का टेलीफोन आया कि श्री Harish Dhami को इतना गुस्सा क्यों आया? जिस विधायक या इंसान के 11 गांव ऐसे हों जो भयंकर आपदा की चपेट में हों। जिस विधायक के क्षेत्र में ऐतिहासिक गांव बोना! जिस समय तक ऊंचे हिमालयी क्षेत्रों में सेब नहीं होता था, उत्तर प्रदेश के दिनों में बोना क्षेत्र का सेब सबसे मिठास वाला माना जाता था जो लाहौल, स्पीति क्षेत्र के सेब का मुकाबला करता था। जहां का आलू इतना स्वादिष्ट होता है, लोग कहते हैं इंद्रदेव की रसोई में भी आलू यहीं से जाता था। फाफर, राजमा, वाह! मैं बोना के आतिथ्य को नहीं भूल सकता। आज वह बोना गांव अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। गांव को बचाने की लड़ाई है, वह विधायक अपनी उस सबसे बड़ी महफिल में जहां लोगों ने उसको चुनकर के भेजा है, अपने दर्द को बयां भी न कर सके तो उसे गुस्सा नहीं आएगा तो फिर उसमें भावना नहीं है और जिसमें भावना नहीं है वह किसी पद के लायक भी नहीं हो सकता, कम से कम निर्वाचित पद के लायक नहीं हो सकता है। मेरे उत्तर को सुनकर मेरे वह साथी भी मुझसे सहमत हुए और बोले हम भी हरीश भाई की गुस्से के साथ हैं।
काश एक धामी की व्यथा को दूसरा #धामी समझ सकता, शब्दों के लेपन से नहीं काम के लेपन से ही आपदा ग्रस्त उस क्षेत्र को जिसमें उसका एक तहसील हैडक्वाटर धारचूला भी सम्मिलित है, ग्वाल गांव का पूरा इलाका नीचे आ रहा है और भी बहुत सारे गांव हैं जिनको हमें बचाना है।
#dharchula #uttarakhand
Pushkar Singh Dhami
लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
👉 न्यूज़ हाइट के समाचार ग्रुप (WhatsApp) से जुड़ें
👉 न्यूज़ हाइट से टेलीग्राम (Telegram) पर जुड़ें
👉 न्यूज़ हाइट के फेसबुक पेज़ को लाइक करें