एसएसपी के ठोस नेतृत्व में हरिद्वार पुलिस का एक और यादगार खुलासा
🔘पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अंतर्राज्यीय शातिर चोर गिरोह का हरिद्वार पुलिस ने किया पर्दाफाश
🔘 जनपद के बहुचर्चित जैन मंदिर चोरी प्रकरण का किया सफल खुलासा
🔘 चोरी के आभूषण ठिकाने लगाने वाले सुनार सहित 02 शातिर दबोचे, अन्य की तलाश जारी
🔘 “यह देहात क्षेत्र की एक बड़ी घटना थी हम इसमें काफी दिनों से मेहनत कर रहे थे मुझे खुशी है कि हमारी टीम ने बेहद शातिर गैंग को पकड़ा है, पूरी टीम बधाई की पात्र है – एसएसपी हरिद्वार”
कुछ दिन पूर्व कोतवाली मंगलौर क्षेत्रांतर्गत जैन मंदिर में हुई लाखों की चोरी पर जैन समाज के लोगों में द्वारा कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए गए थे।
🔅 कप्तान का सूझबूझ भरा नेतृत्व-
धार्मिक स्थल से जुड़ी घटना होने के कारण जल्दी ही यह खबर आग की तरह चौतरफा फैल गई। स्थानीय समाज सहित जैन समुदाय में भारी आक्रोश था जिस कारण आएदिन पुलिस पर प्रकरण के शीघ्र खुलासे का दबाव था।
कप्तान प्रमेन्द्र सिंह डोबाल द्वारा सभी स्थानीय प्रमुखों से वार्ता कर उनको जल्द घटना के खुलासे का आश्वासन दिया और प्रतिदिन एसपी देहात शेखर चंद्र सुयाल क्षेत्राधिकारी मंगलौर विवेक कुमार व कोतवाली प्रभारी से बैठक कर मामले की प्रगति जानी।
मामले की गंभीरता के दृष्टिगत कप्तान द्वारा कोई बढ़िया लीड मिलने पर टीम में लगे छोटे-से-छोटे कर्मचारी से भी सीधे वार्ता की गई और आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। जिसका सफल परिणाम सामने आया और एक बेहद शातिर अंतरराज्यीय गैंग को हरिद्वार पुलिस ने ट्रेस कर लिया।
🔅 हरिद्वार पुलिस की मेहनत और अभियुक्तों की गिरफ्तारी
हरिद्वार पुलिस की दिनरात की मेहनत और मुखबिरों के बिछाए गए जाल से दिनांक 10-01-25 को मुखबिर की सूचना पर शातिर आरिफ पुत्र इकरामुद्दीन ग्राम निडोरी, थाना मसूरी, गाजियाबाद उत्तर प्रदेश को पुरकाजी उत्तर प्रदेश से दबोचा गया जिसके द्वारा बताया गया कि मंदिर से चोरी किया गया सामान हमने एक सुनार को दिया है जिसपर सुनार राजकुमार पुत्र रामकुमार चर्च कॉलोनी, मुरादनगर को भी पुरकाजी क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। जिनके कब्जे से जैन मंदिर से चोरी किया गया भारी मात्रा में ज्वैलरी व कैश बरामद हुआ।
पूछताछ के दौरान इनसे हापुड़ उत्तर प्रदेश के मंदिर से एवं जनपद के थाना झबरेड़ा क्षेत्रांतर्गत गत्ता फैक्ट्री में हुई चोरी में संलिप्तता पाई गई। जिस बारे में विधिक कार्यवाही जारी है।
🔅 अपराध करने का तरीका
अभियुक्त बेहद शातिर हैं और कई दिन तक उस स्थान की दिन में रैकी करते थे जहां चोरी करनी होती थी और उस स्थान (विशेषकर मंदिर) की सभी जानकारी कर लेते थे जैसे पुजारी के आने जाने का समय, भक्तजनों के आने-जाने का समय इत्यादि और फिर रात में उस स्थान के पिछले हिस्से से छत, रोशनदान या जाली काटकर अंदर घुसते थे और चोरी कर ले जाते थे, बाहर से सब कुछ वैसा ही दिखने के कारण सुबह किसी को देखकर एकदम से अंदेशा नहीं हो पता था कि यहां चोरी हुई है। तब तक इनको दूर भागने का पर्याप्त समय मिल जाता था। यह इतने शातिर थे/हैं कि चढ़ने उतरने का कहीं कोई निशान छोड़कर नहीं जाते थे सब कुछ प्राकृतिक दशा में ही रहता था। बेहद छोटे से रोशनदान को तोड़कर मंदिर में प्रवेश किया जाता था और ऐसा करने के लिए ग्रुप के सबसे पतले दुबले और लचीले व्यक्ति को ही मंदिर में चोरी के लिए प्रवेश करवाया जाता था और चोरी किया गया सामान सुनार राजकुमार उपरोक्त को बेचकर भारी मुनाफा कमाते थे। इनके द्वारा और किन-किन सुनारों को चोरी का सामान बेचा जाता था इन सब पर जांच अभी चल रही है। विवेचना जारी है।
🔅 कप्तान के नेतृत्व व हरिद्वार पुलिस की कार्यशैली की सराहना-
जनपद के बहुचर्चित जैन मंदिर चोरी प्रकरण का हरिद्वार पुलिस द्वारा सफल खुलासा करने पर आमजन द्वारा कप्तान के सूझबूझ भरे नेतृत्व एवं हरिद्वार पुलिस की इंटेलीजेंट कार्यशैली की सराहना की गई।
🔅नाम पता अभियुक्त
1. आरिफ पुत्र इकरामुद्दीन निवासी ग्राम निडोरी थानाउम्र -25 वर्ष (अनपढ़)
2- राजकुमार पुत्र रामकुमार निवासी चर्च कालोनी थाना मुरादनगर उ0प्र0-उम्र0 -52 वर्ष (9th पास)
👉🏻 बरामदगी-
1- लगभग 02 लाख 48 हजार रु0 नगद
2- चांदी की ईंट वजन लगभग 3 किलोग्राम
3- चांदी का एक बडा छत्र
4- चांदी का एक छोटा छत्र
5- चांदी का एक लोटा
6- चांदी की एक चंवर
7- अन्य थाना व राज्य की चोरी का सामान आदि
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