हल्द्वानी हिंसा के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक-बेटे मोईद को जान का खतरा, जेल में किस बात की टेंशन?
इनमें तीन निवर्तमान पार्षद और सपा नेता के भाई समेत अन्य लोग शामिल थे। वहीं नैनीताल जेल में बंद वनभूलपुरा हिंसा मामले के आरोपी अब्दुल मलिक और उसके बेटे मोईद की शिफ्टिंग के लिए अनुमति का इंतजार है।
नैनीताल जेल में बंद हल्द्वानी हिंसा का मुख्य आरोपी व मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक और उसके बेटे अब्दुल मोईद की सितारगंज जेल में शिफ्टिंग आईजी जेल ने रोक दी है। 23 जून को सितारगंज जेल शिफ्ट हो चुके वनभूलपुरा हिंसा के 13 आरोपियों में से ही कुछ से अब्दुल और मोईद की जान को खतरा जताया गया है।
वनभूलपुरा हिंसा मामले में गिरफ्तार किए 107 आरोपियों में से हल्द्वानी जेल में बंद 13 आरोपियों को एडीजे प्रथम की कोर्ट के आदेश के अनुसार सहायक महानिरीक्षक यशवंत सिंह के निर्देश पर 23 जून को सितारगंज खुली जेल में शिफ्ट कर दिए गए थे।
इनमें तीन निवर्तमान पार्षद और सपा नेता के भाई समेत अन्य लोग शामिल थे। वहीं नैनीताल जेल में बंद वनभूलपुरा हिंसा मामले के आरोपी अब्दुल मलिक और उसके बेटे मोईद की शिफ्टिंग के लिए कोर्ट की अनुमति का इंतजार हो रहा था।
इसी बीच मलिक के परिजनों ने आईजी जेल को शिफ्टिंग नहीं करने के लिए पत्र भेज दिया। इसका संज्ञान लेकर आईजी जेल ने मलिक व उसके बेटे की शिफ्टिंग पर रोक लगा दी है। सूत्रों के मुताबिक, परिवार वालों ने दलील दी है कि सितारगंज जेल शिफ्ट किए गए कुछ आरोपियों से मलिक का पुराना विवाद है।
कोर्ट में भी मामला चल रहा है। यह रंजिश पहले से चली आ रही है। हालात यह हैं कि कोर्ट में पेशी के दौरान भी अब्दुल और मोईद को अन्य आरोपियों से अलग रखा जाता है। ऐसे में अब्दुल और मोईद की जान को सितारगंज जेल में खतरा हो सकता हैनैनीताल जिला जेल के अधीक्षक संजीव ह्यांकी ने बताया कि आईजी जेल ने इन दोनों आरोपियों की शिफ्टिंग रोक दी है। फिलहाल दोनों नैनीताल जेल में ही रहेंगे।
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