UTTARAKHAND NEWS

Big breaking :-एक साल से का बना हुआ है गुलदार आतंक, आज फिर कुत्ते को उठा ले गया खूंखार जानवर; गौ पालकों ने भागकर बचाई जान

NewsHeight-App

एक साल से का बना हुआ है गुलदार आतंक, आज फिर कुत्ते को उठा ले गया खूंखार जानवर; गौ पालकों ने भागकर बचाई जान

उत्तराखंड में एक साल से गुलदार का आतंक जारी है। साहिया गौशाला के पास फिर से गुलदार ने एक कुत्ते को उठा लिया। गौपालक भागकर जान बचाने में सफल रहे। ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। वन विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। गौसेवा समिति और ग्रामीण लंबे समय से पिंजरा लगाने की मांग कर रहे हैं।

एक वर्ष से अधिक का समय बीत गया, साहिया गौशाला के नजदीक गुलदार दस्तक दे रहा है, लेकिन गुलदार के आतंक से निजात दिलाने को वन विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की। लिहाजा गुलदार लगातार दस्तक दे रहा है। मंगलवार को गौशाला से कुछ दूर जंगल से अचानक गुलदार झपटा, बड़ी मुश्किल से गौपालकों ने भागकर अपनी जान बचाई, लेकिन गौ पालकों के सामने ही एक कुत्ते को गुलदार उठा ले गया।

पिछले एक साल से गौसेवा समिति और ग्रामीण गुलदार को कैद करने के लिए पिंजरा लगाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन वन विभाग समस्या को हल करने के प्रति लापरवाह बना हुआ है। मंगलवार को करीब दो बजे चरखेत से कुछ दूर गौपालक गायों को चराने ले गए। उनके साथ एक कुत्ता भी था।
गौपालक गुमान दास और महेंद्र राठौर एक जगह बैठे हुए थे, तभी अचानक गुलदार दिखाई दिया। गुलदार उनके सामने ही कुत्ते को उठा ले गया। उन्होंने गुलदार को भगाने की कोशिश की तो उल्टा उनके ओर भी गुलदार झपटा, जिस पर दोनों गौ पालकों ने भागकर जान बचाई।

गायें भी पशुपालकों के पीछे दौड़ कर जंगल से बाहर आ गयी। गुलदार की दस्तक से ग्रामीणों में दहशत है। आसपास की छानियों और गांवों में भी लगातार गुलदार का आतंक जारी है। गौ संरक्षण सेवा समिति के अध्यक्ष राकेश चौहान का कहना है कि जब तक गुलदार किसी इंसान की जान नहीं लेगा, वन विभाग की आंखें नहीं खुलेगी। पिछले एक साल से लगातार समिति पिंजरा लगाने के लिए लिख रही है।

 

गौशाला के निकट पिंजरा लगाया जाए और गुलदार को पकड़कर अन्य घने जंगल में छोड़ा जाए, लेकिन कोई भी सुनने को तैयार नहीं है। उधर, रीवर रेंज डाकपत्थर के रेंजर अनिल भट्ट का कहना है कि गश्त बढ़ाई जाएगी। गौशाला के निकट फिर कैमरे लगाएं जाएंगे, जिससे ये मालूम हो सके कि गुलदार किस रास्ते से आता है। उसके बाद ही अग्रिम कार्यवाही शुरू की जाएगी।

जानवरों से जुड़ा एक मामला कालागढ़ से भी सामने आया है। कालागढ़ में एक चीतल सेप्टिक टैंक में गिर गया था, जोकि चर्चा का विषय बना हुआ था। सेप्टिक टैंक में गिरे हुए नर चीतल को वन महकमे की टीम ने रेस्क्यू कर सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया। कालागढ़ की केंद्रीय कालोनी निवासी मोहम्मद आसिफ खान के आवास संख्या बी-682 में एक व्यस्क नर चीतल सेप्टिक टैंक में गिर गया।
सूचना मिलने के बाद सर्प मित्र दीपक कुमार के नेतृत्व में विभागीय टीम मौके पर पहुंची और चीतल को सुरक्षित टैंक से बाहर निकाला। इसके बाद चीतल की स्वास्थ्य जांच की गई व शरीर में कोई चोट न होने के कारण उसे जंगल में छोड़ दिया गया।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

न्यूज़ हाइट (News Height) उत्तराखण्ड का तेज़ी से उभरता न्यूज़ पोर्टल है। यदि आप अपना कोई लेख या कविता हमरे साथ साझा करना चाहते हैं तो आप हमें हमारे WhatsApp ग्रुप पर या Email के माध्यम से भेजकर साझा कर सकते हैं!

Click to join our WhatsApp Group

Email: [email protected]

Author

Author: Swati Panwar
Website: newsheight.com
Email: [email protected]
Call: +91 9837825765

To Top