उत्तराखंड: शासन ने तय किया बस्ते का वजन फिर भी नहीं हुआ कम, 10 से 12 किलो भार लेकर स्कूल पहुंच रहे छोटे बच्चे10 से 12 किलो के भारी बस्ते लेकर छोटे बच्चे स्कूल पहुंच रहे हैं। शिक्षा उप निदेशक ने कहा कि इस संबंध में फिर से निर्देश दिए जाएंगे
शासन ने सरकारी और निजी विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के बस्ते का वजन तय करते हुए इस संबंध में निर्देश जारी किया, लेकिन निर्देश जारी किए एक महीना होने को हैं, इसके बाद भी छोटी कक्षाओं के बच्चे 10 से 12 किलो के बस्ते लेकर स्कूल पहुंच रहे हैं।
शिक्षा उप निदेशक कमला बड़वाल के मुताबिक, इस संबंध में सभी जिलों को निर्देश जारी किए गए थे, इसके बाद भी बस्ते का वजन कम नहीं हुआ तो इस संबंध में फिर से निर्देश जारी किया जाएगा। शिक्षा सचिव रविनाथ रामन ने पिछले महीने 20 अगस्त को बस्ते के वजन को कम करने के संंबंध में शिक्षा महानिदेशक को लिखा था।
शासन की ओर से कहा गया था कि पूर्व प्राथमिक कक्षाओं को बस्ता मुक्त रखा जाएगा, जबकि कक्षा एक और दो के छात्र-छात्राओं के बस्ते का वजन 1.6 से 2.2 किलो से अधिक नहीं होना चाहिए। इसी तरह कक्षा तीन से 5वीं के छात्र-छात्राओं के बस्ते का वजन 1.7 से 2.5 किलो, कक्षा छह और 7वीं के बच्चों के लिए दो से तीन किलो।
कक्षा आठ के लिए 2.5 से चार किलोग्राम, कक्षा नौ और 10वीं के लिए 2.5 से 4.5 किलोग्राम एवं कक्षा 11 और 12वीं के छात्र-छात्राओं के बस्ते का वजन 3.5 से पांच किलोग्राम तय करते हुए इस संबंध में निर्देश जारी किया गया था।
छोटी कक्षाओं के छात्रों के बस्ते का वजन 10 से 12 किलोग्राम है, बच्चों के भारी बस्ते की इस समस्या के संंबंध में बाल आयोग और शिक्षा विभाग को लिखा जा चुका, लेकिन स्थिति अब भी जस की तस बनी है। -आरिफ खान, अध्यक्ष, नेशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेट्स राइट्स
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