प्रदेश में महिला समूहों के लिए अच्छी खबर…अब बिना ब्याज 20 लाख रुपये तक ऋण देगी सरकार
यह योजना कौशल विकास, वित्तीय साक्षरता और उद्यमिता के माध्यम से महिलाओं को स्थायी आजीविका स्थापित करने में मदद करती है, ताकि वे वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बन सकें और समुदाय के लिए प्रेरणा स्रोत बनें।
प्रदेश में महिला समूहों को सरकार आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए 20 लाख रुपये तक बिना ब्याज ऋण देगी। सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के मुताबिक कैबिनेट में इसके लिए प्रस्ताव लाया जाएगा। फूलों की खेती, बागवानी एवं छोटे उद्योगों के लिए महिला समूहों को यह ऋण दिया जाएगा ताकि वह अपनी आय दोगुनी कर सकें।
लखपति दीदी योजना, ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों को सशक्त बनाने और उनकी वार्षिक आय एक लाख करने के लिए एक पहल है। यह योजना कौशल विकास, वित्तीय साक्षरता और उद्यमिता के माध्यम से महिलाओं को स्थायी आजीविका स्थापित करने में मदद करती है, ताकि वे वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बन सकें और समुदाय के लिए प्रेरणा स्रोत बनें। सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के मुताबिक इसी तर्ज पर राज्य में बेहतर काम करने वाली महिला स्वयं सहायता समूहों को 10 से 20 लाख रुपये तक ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा।
इससे बचत और समूह निर्माण की संस्कृति विकसित होगी। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक इससे महिलाएं साहूकारों के शोषण से बचकर आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेंगी। जो इस ऋण से अपने व्यावसायिक विचारों को हकीकत में बदल सकेंगी।
अभी एक से पांच लाख रुपये दिया जा रहा ब्याज मुक्त ऋण
अपर निबंधक सहकारिता डॉ. आनंद शुक्ल के मुताबिक प्रदेश में महिलाओं को अभी एक से पांच लाख रुपये तक ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है। इसमें व्यक्तिगत महिला लाभार्थी को एक से तीन लाख रुपये तक ऋण दिया जा रहा है। पशुपालन, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन आदि क्षेत्रों में कार्यों के लिए 10 हजार महिलाओं को ऋण दिया गया है। जबकि छह हजार महिला स्वयं सहायता समूहों को पांच लाख रुपये तक ब्याज मुक्त ऋण दिया गया है। बेहतर काम करने और समय पर ऋण चुकाने वाले महिला स्वयं सहायता समूहों को 10 से 20 लाख रुपये तक ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा। जबकि व्यक्तिगत महिला लाभार्थियों को पांच से 10 लाख रुपये तक ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा।
33 प्रतिशत आरक्षण देने वाला उत्तराखंड पहला राज्य
सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के मुताबिक सहकारी समितियों की प्रबंधन समितियों के सदस्यों और सभापतियों के पदों पर महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। उत्तराखंड पहला राज्य है। जिसने सहकारी के क्षेत्र में यह आरक्षण प्रदान किया है।
राज्य में 50 हजार से अधिक महिला स्वयं सहायता समूह हैं, इनके लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। घसियारी योजना के तहत भी राज्य की 60 हजार महिलाओं को 75 प्रतिशत सब्सिडी पर साइलेज दिया जा रहा है। महिला लाभार्थियों की संख्या को बढ़ाकर एक लाख किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
– आनंद शुक्ल, अपर निबंधक सहकारिता

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