प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में जिन किसानों के पास दो नाली जमीन है तो वे सेब बगीचे लगाकर आमदनी बढ़ा सकते हैं। सरकार की ओर से सेब बगीचे लगाने पर किसानों को 80 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है। इसके अलावा किसान उद्यान विभाग की ओर से पंजीकृत फर्म व नर्सरियों के अलावा हिमाचल से सेब की अच्छी गुणवत्ता के पौधे खरीदने के लिए स्वतंत्र होंगे।
कृषि एवं उद्यान मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि शीतकाल में बड़े स्तर पर विभिन्न फल पौधों के रोपण पर विशेष जोर दिया जा रहा है। उद्यान विभाग की मिशन एप्पल योजना के बजट में बढ़ोतरी कर सेब बागानों की स्थापना के लिए किसानों को 80 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है।
इसके अलावा उद्यान विभाग, उद्योग विभाग व सहकारिता के सामंजस्य से सीएसआर निधि के तहत भी सेब के 500 बगीचों की स्थापना की जाएगी। उद्यान विभाग की सेब मिशन, मुख्यमंत्री कृषि विकास के तहत चमोली, रूद्रप्रयाग, पौड़ी, बागेश्वर, चंपावत जिले में कीवी उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा।
कृषि मंत्री ने बताया कि सेब बगीचे स्थापित करने के लिए विभाग की स्वीकृति के बाद किसान उच्च गुणवत्ता युक्त प्रजाति के पौधे पंजीकृत फर्मों व नर्सरियों से खरीदने के लिए स्वतंत्र है। इसके अलावा सेब बगीचा लगाने से पहले त्रिपक्षीय समझौता किया जाएगा।
इसमें किसान, विभाग और पंजीकृत फर्मों के हस्ताक्षर होंगे। किसानों को फलदार पौधे बिक्री करने वाले फर्मों व नर्सरियों की ओर से तीन साल तक गारंटी दी जाएगी। यदि पौधों की गुणवत्ता घटिया पाई जाती है तो इस पर फर्म व नर्सरी संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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