उत्तराखंड में किसानों के लिए अच्छी खबर…उपकरण खरीद की सब्सिडी के लिए मिलेंगे ई-वाउचर
उद्यान विभाग में किसानों को कई मशीनें खरीदने के लिए सरकार सब्सिडी देती आई है। अभी तक किसान इन मशीनों को खरीदने के लिए पहले अपनी जेब से पैसा भरते थे। इसके बाद सब्सिडी उनके खातों में आती थी।
उद्यान विभाग अपने किसानों को अब उपकरणों की खरीद के लिए कैश में सब्सिडी नहीं देगा। इसके बजाए उन्हें सब्सिडी के ई-वाउचर मिलेंगे। पहली बार प्रदेश में ई-वाउचर से सब्सिडी की योजना का ट्रायल उद्यान विभाग ने सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) के सहयोग से शुरू किया है।
सफल होने के बाद अन्य विभागों में भी अत्याधुनिक व्यवस्था लागू की जा सकती है। उद्यान विभाग में किसानों को कई मशीनें खरीदने के लिए सरकार सब्सिडी देती आई है। अभी तक किसान इन मशीनों को खरीदने के लिए पहले अपनी जेब से पैसा भरते थे। इसके बाद सब्सिडी उनके खातों में आती थी।
कई बार इसमें गड़बड़ी की आशंका बनी रहती थी। लिहाजा, उद्यान विभाग ने आईटीडीए की मदद से ई-वाउचर तैयार किए हैं। ये ई-वाउचर क्यूआर कोड से लैस होंगे। किसानों को अब मशीन खरीदने के लिए अपनी जेब से कोई पैसा खर्च नहीं करना पड़ेगा। सरकार के ई-वाउचर को रि-डीम कराकर वह मशीन ले सकेगा।
वेंडर को सरकार देगी पैसा
ई-वाउचर में किसानों से संबंधित पूरी जानकारी समाहित होगी। वेंडर इस ई-वाउचर के बदले मशीन देगा। सरकार से वेंडर ई वाउचर के बदले पैसा ले सकेगा। यह प्रक्रिया भी तेजी से होगी, जिससे सरकार की योजनाओं का लाभ आसानी से मिल सकेगा।
पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा तो बदल जाएगी सूरत
उद्यान सहित कई विभाग ऐसे हैं, जहां सरकार की सब्सिडी या योजनाओं का लाभ किसानों को मिलता है। इसके लिए लंबी प्रक्रिया होती है। कई जगहों पर सीधे खाते में पैसा आ जाता है, लेकिन उसका सही उपयोग हुआ, इसकी गारंटी नहीं होती। आईटीडीए ने इसका पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। सफल रहा तो इससे सूरत बदल जाएगी।
पहली बार ई-वाउचर से सब्सिडी की व्यवस्था शुरू हो रही है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरुआत होगी। किसानों के लिए ये व्यवस्था काफी लाभकारी होगी तो सरकार के लिए भी सुविधाजनक होगी।
-नितिका खंडेलवाल, निदेशक, आईटीडीए
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