केदारनाथ विधानसभा के उपचुनाव के लिए कांग्रेस का कौन प्रत्याशी होगा यह भले अभी तक तय नहीं हो पाया है… लेकिन यह बताया जा रहा है कि मनोज रावत को प्रत्याशी बनना लगभग तय हो चुका है.. वहीं कांग्रेस की परिविक्षक समिति को गणेश गोदियाल लीड कर रहे हैं और गणेश गोदियाल के ऊपर यह आरोप भी लग रहे हैं कि गणेश ने मनोज रावत को ही सबसे अच्छा कैंडिडेट माना है…
जबकि प्रदेश अध्यक्ष यह नहीं चाहते… जब यही बात गणेश गोदियाल से पूछी गई और उनसे पूछा गया कि यह कहा जा रहा है कि आपने प्रत्याशियों के चयन में पक्षपात किया है तो उन्होंने कहा कि प्रत्याशियों के चयन में मेरे द्वारा कोई भी पक्षपात नहीं किया गया है… उन्होंने कहा कि हमारी मनसा कुछ भी रही हो लेकिन रिपोर्ट में हमने बिल्कुल भी पक्षपात नहीं किया है…
केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने चार सदस्यों की पर्यवेक्षक टीम बनाई…जिस टीम को लीड कांग्रेस के पूर्व विधायक गणेश गोदियाल कर रहे थे…
गणेश गोदियाल का नाम पर्यवेक्षकों की लिस्ट में बाद में जोड़ा गया बताया जा रहा है कि गणेश गोदयाल और प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के बीच में मतभेद के चलते करन माहरा ने गणेश गोदयाल का नाम पर्यवेक्षकों की टीम में नहीं डाला था… वहीं जब कांग्रेस के अंदर से कई बड़े नेताओं ने इस पर ऐतराज जताया तो उसके बाद गणेश गोदियाल का नाम जोड़ा गया… उसके बाद गणेश गोदियाल ने केदारनाथ में चुनाव लड़ने के लिए जो प्रत्याशियों का पैनल बनाया उसे प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा को ना भेज कर सीधे दिल्ली हाई कमान को भेज दिया… जिसके चलते एक बार फिर से कांग्रेस के अंदर मतभेद की खबरें खुलकर सामने आने लगी..
. वहीं जब गणेश गोदियाल से इसको लेकर पूछा गया कि आपने प्रत्याशियों के नाम सीधे दिल्ली हाई कमान को भेज दिए जबकि प्रदेश अध्यक्ष को आपने नाम नहीं भेजें.. जिसके जवाब में गणेश गोदियाल ने कहा कि मैंने यह बात पहले भी कह रखी है कि मेरी जहां से नियुक्ति हुई है रिपोर्ट भी उसी को भेजी जाती है… लोग कह रहे हैं कि मैने पैनल बनाकर भेजा है जबकि मैंने सिर्फ रिपोर्ट भेजी है…
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