केदारनाथ गए दोस्त सैलाब में हुए लापता, अब दो के मिले शव; तीन अब भी लापता
एनडीआरएफ टीम को लिनचौली से दोनों युवकों का शव मिला है। इनके परिजन रूदप्रयाग में रूके हुए है।
कैदारनाथ में 31 जुलाई को आए सैलाब में लापता हुए कुछ लोगों में से 2 लोगों के शव बरामद किए गए हैं। एनडीआरएफ टीम को केदारनाथ में खोड़ा के दो युवकों के शव मिले हैं। दोनों युवकों की जेब से मिले एटीएम कार्ड और आधार कार्ड से युवकों की शिनाख्त हुई है। युवकों की पहचान खोड़ा के अर्चना एंक्लेव निवासी सुमित शुक्ला और कृष्णा पटेल के रूप में हुई है। एनडीआरएफ टीम को लिनचौली से दोनों युवकों का शव मिला है। इनके परिजन रूदप्रयाग में रूके हुए है।
एनडीआरएफ टीम दोनों के शव रूद्रप्रयाग लाकर परिजनों को सौंप देगी। यह दोनों 31 जुलाई को दीपक विहार निवासी मन्नू और चिराग गुप्ता के साथ केदारनाथ में आए सैलाब में लापता हो गए थे। युवकों के लापता होने के बाद उनके परिजन उन्हे ढूंने के लिए केदारनाथ गए थे और तभी से वहा रूके हुए हैं। रूदप्रयाग गए युवकों के परिचित बबल गुप्ता ने बताया कि एनडीआरएफ टीम को खोड़ा निवासी सुमित शुक्ला और कृष्णा पटेल का शव मिला है।
उन्होने बताया कि दोनों की जेब से मिले कागजात के आधार पर उनकी पहचान हुई है। युवकों को लिनचौली से रूदप्रयाग लाया जा रहा है। बताते चले कि 31 जुलाई को केदारनाथ में आए सैलाब में दीपक विहार, अर्चना एंक्लेव और नवनीत विहार में रहने वाले पांच युवक लापता हो गए थे। तीन युवकों का अभी भी कोई सुराग नही मिल पाया है।
वहीं केदारनाथ पैदल मार्ग को मजदूरों की कड़ी मेहनत के बाद शुक्रवार को दुरुस्त कर लिया गया गया है जिससे 15 दिन बाद शुक्रवार को पैदल चलकर उत्तर प्रदेश, गुजरात और हरियाणा से कुछ तीर्थ यात्री केदारनाथ धाम पहुंचे। करीब 260 मजदूरों की कड़ी मेहनत के बाद पैदल मार्ग बनाया गया है। वहीं प्रशासन से मिल रहे सहयोग पर केदारनाथ धाम पहुंच रहे तीर्थ यात्रियों ने 31 जुलाई की रात केदारनाथ पैदल मार्ग पर आई त्रासदा क कारण जगह-जगह ध्वस्त हो गया था जिसके बाद सबसे पहली प्राथमिकता के तहत पैदल मार्ग से तीर्थ यात्राओं को सुरक्षित निकाला गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की निगरानी और जिला अधिकारी सौरभ गहरवार के नेतृत्व में चले रेस्क्यू अभियान में हजारों श्रद्धालुओं एवं स्थानीय जनता को हेली सेवा के साथ पैदल आवाजाही से उनकी जान को बचाया गया। इसके बाद प्रशासन की ओर से पैदल मार्ग को तेजी के साथ दुरुस्त करने की चुनौती थी। इस
वहीं केदारनाथ पैदल मार्ग को मजदूरों की कड़ी मेहनत के बाद शुक्रवार को दुरुस्त कर लिया गया गया है जिससे 15 दिन बाद शुक्रवार को पैदल चलकर उत्तर प्रदेश, गुजरात और हरियाणा से कुछ तीर्थ यात्री केदारनाथ धाम पहुंचे। करीब 260 मजदूरों की कड़ी मेहनत के बाद पैदल मार्ग को बनाया गया है। वहीं प्रशासन से मिल रहे सहयोग पर केदारनाथ धाम पहुंच रहे तीर्थ यात्रियों ने आभार जताया है। 31 जुलाई की रात केदारनाथ पैदल मार्ग पर आई त्रासदी के कारण जगह-जगह ध्वस्त हो गया था
जिसके बाद सबसे पहली प्राथमिकता के तहत पैदल मार्ग से तीर्थ यात्राओं को सुरक्षित निकाला गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की निगरानी और जिला अधिकारी सौरभ गहरवार के नेतृत्व में चले रेस्क्यू अभियान में हजारों श्रद्धालुओं एवं स्थानीय जनता को हेली सेवा के साथ पैदल आवाजाही से उनकी जान को बचाया गया। इसके बाद प्रशासन की ओर से पैदल मार्ग को तेजी के साथ दुरुस्त करने की चुनौती थी। इस चुनौती को भी जिला प्रशासन ने पार पा लिया है।
आपदा से 19 किलोमीटर पैदल मार्ग 29 जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया था। तेजी से काम होने के चलते अब पैदल मार्ग के एक-दो जगहों पर ही परेशानी बनी है, जहाँ पर सुरक्षा जवान तीर्थ यात्रियों को रास्ता पार करवा रहे हैं। ऐसे में पैदल चलकर धाम पहुंच रहे देश के विभिन्न राज्यों के भक्तों में भी ख़ुशी देखने को मिल रही है। केदारनाथ धाम पहुंचे तीर्थ यात्रियों ने कहा कि पैदल मार्ग दुरुस्त हो गया है, लेकिन एक-दो स्थानों पर अभी भी दिक्कत है।
उल्लेखनीय है कि अब तक 10 लाख 93 हजार 632 श्रद्धालु बाबा केदारनाथ के दर्शन कर चुके हैं। इन दिनों 150 से 200 के करीब तीर्थ यात्री केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं। हेली सेवाओं के साथ ही पैदल चलकर भी बाबा के भक्त धाम पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि पैदल मार्ग के ऐप पर पढ़ें जगहों पर सुरक्षा जवान तैनात किए गए हैं, जो भक्तो को सुरक्षित यात्रा करवा रहे हैं।
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