फ्री राशन फिर पर गहराया संकट, गेहूं-चीनी, चावल में होगी कटौती
डीलर को कम कोटा मिलने के कारण उनके पास पर्याप्त राशन नहीं होता, ऐसे में सस्ते गल्ले की दुकानों में अक्सर उपभोक्ताओं से विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है। डीलरों को राशन वितरण में परेशानी हो रही।करीब चालीस प्रतिशत डीलरों को निर्धारित कोटे से भी कम राशन मिल रहा है। इसका सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है।
डीलरों को मजबूरन गरीबों के हक के राशन में कटौती करनी पड़ रही है। राशन डीलर नाराज हैं, लेकिन अफसर समाधान की बात कह रहे हैं।देहरादून में मौजूदा समय में 905 राशन डीलर हैं। लेकिन, करीब 40 फीसदी डीलर ऐसे हैं, जिनको पर्याप्त मात्रा में राशन का कोटा नहीं मिल पा रहा है।
उत्तराखंड सरकारी सस्ता-गल्ला विक्रेता परिषद के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र गुप्ता के अनुसार, राशन के आवंटन में यह गड़बड़ी लंबे समय से चली आ रही है।डीलर को कम कोटा मिलने के कारण उनके पास पर्याप्त राशन नहीं होता, ऐसे में सस्ते गल्ले की दुकानों में अक्सर उपभोक्ताओं से विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है। डीलरों को राशन वितरण में परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने जिला पूर्ति अधिकारी से इस मामले में ठोस व्यवस्था बनाने की मांग उठाई।
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