आज बीजेपी कार्यसमिति में तमाम नेताओं ने खुलकर अपनी बात कही कुछ ने संगठन को मजबूत करने की बात कही तो कुछ ने सरकार के कार्यों को जनता तक पहुंचाने का प्रण लेने की बात कही लेकिन सबसे गजब तो पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत ने कही उन्होंने ना केवल सीएम धामी को लेकर बड़ी बात कही और साफ कहा की वो अगले 15 साल सीएम रहें वही खुद को पहले सीएम पद से और बाद में सांसद का टिकट भी नहीं दिया गया जिसकी टीस उनके आज के भाषण में साफ दिखाई दी तीरथ बोले की कार्यकर्ता ही सबसे ऊपर रहना चाहिए उन्होंने ये भी कहा की मै कुर्सी से उतरा तो धामी बैठे लेकिन मैंरी आदत पीछे पड़ने की नहीं हैं
भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत ने पार्टी नेतृत्व के फैसलों को अपने अंदाज में कठघरे में खड़ा कर दिया।
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में तीरथ सिंह रावत के बेबाक भाषण के बीच कई बार जोरदार तालियां बजी। तीरथ ने पार्टी नेतृत्व की ओर से थोपे गए नेताओं के मुद्दे पर दो टूक कहकर हलचल मचा दी।
पूर्व सीएम ने साफ शब्दों में कह दिया कि थोपने का काम मत करना। सभी से बात कर व सलाह मशविरा के बाद ही फैसले होने चाहिए। पूर्व सीएम के खरे खरे बोल से हाल में तालियां बज उठीं।
उनका सीधा इशारा हालिया बदरीनाथ व मंगलौर उपचुनाव की ओर था। यही नहीं, लोकसभा चुनाव में टिकट कटने के दर्द भी उनके इस वक्तव्य से उभरा। तीरथ की जगह अनिल बलूनी को टिकट दिया गया था।
पूर्व सीएम यहीं तक नहीं रुके। नेता थोपने के सवाल को आगे बढ़ाते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि अब जनता आगे आ गयी है। जबकि नेता पीछे हो गए हैं। फिर कहते हैं- भाजपा नेता आधारित नहीं कार्यकर्ता आधारित पार्टी है। कार्यकर्ता मेहनत कर रहा है। कहते हैं जमीन मत छोड़ो
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