कार्बन सोखने के लिए उत्तराखंड के वनों को मिलेगा ‘बड़ा इनाम’, 1000 करोड़ का एमओयू हुआ साइन
Carbon Finance Project उत्तराखंड के वनों को कार्बन सोखने के लिए मिलेगा बड़ा इनाम! रिन्यु पावर सिनर्जी प्रा. लि. के साथ विभाग का एक हजार करोड़ का समझौता। जलवायु परिवर्तन और ग्रीन हाउस गैसों के दुष्प्रभावों से जूझ रही पृथ्वी पर कार्बन क्रेडिट की दिशा में दुनियाभर में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। अब प्राकृतिक ढंग से कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
जलवायु परिवर्तन और ग्रीन हाउस गैसों के दुष्प्रभावों से जूझ रही पृथ्वी पर कार्बन क्रेडिट की दिशा में दुनियाभर में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण के साथ ही अब प्राकृतिक ढंग से कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
71 प्रतिशत वन क्षेत्र से आच्छादित उत्तराखंड भी कार्बन सोखने और प्राणवायु प्रदान करने में अग्रणी है, लेकिन नए परिपेक्ष्य में उत्तराखंड के वनों का महत्व और बढ़ गया है। अब प्रदेश को कार्बन सोखने के लिए धनराशि के रूप में इनाम भी मिलेगा।
कार्बन फाइनेंस परियोजना
कार्बन फाइनेंस परियोजना पर आगे बढ़ते हुए वन विभाग ने पहल शुरू कर दी है। इसके लिए रिन्यु पावर सिनर्जी प्रा. लि. के साथ विभाग का एक हजार करोड़ का एमओयू भी हुआ है।
बीते वर्ष दिसंबर में हुए उत्तराखंड निवेशक शिखर सम्मेलन के दौरान वन विभाग और रिन्यु पावर सिनर्जी के बीच 1000 करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन किया गया था। जिसके अंतर्गत उत्तराखंड में प्रकृति आधारित समाधान (एनबीएस) कार्बन फाइनेंस परियोजनाओं के विकास पर कार्य किया जाएगा। इसी क्रम में गुरुवार और शुक्रवार को दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
गुरुवार और शुक्रवार को दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
दि एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी) संस्था के माध्यम से आयोजित कार्यशाला में वन विभाग के अंतर्गत आरक्षित/अवनत वन क्षेत्रों, वन पंचायत क्षेत्रों, निजी कृषि भूमि के तहत परियोजना क्षेत्र चयनित करने पर चर्चा की गई।
कार्यशाला की अध्यक्षता प्रमुख वन संरक्षक डा. धनंजय मोहन ने की। राजपुर रोड स्थित वन मुख्यालय में हुई कार्यशाला में विशेषज्ञों ने जलवायु परिवर्तन, कार्बन मार्केट्स प्रोसेस फार कार्बन फाइनेंस, डिजायनिंग आफ नेचर बेस्ड साल्युशन्स, कार्बन प्रोजेक्ट्स आदि के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया।
टेरी संस्था की ओर से वरिष्ठ निदेशक डा. जेवी शर्मा, एसोसिएट डायरेक्टर डा. सैयद आरिफ वली, विकास सिन्हा, वरुण ग्रोवर, आभा बल्लभ व आफरी जैदी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में वन विभाग की ओर से परियोजना के नोडल प्रमुख वन संरक्षक रंजन मिश्रा, अपर प्रमुख वन संरक्षक गढ़वाल नरेश कुमार, अपर प्रमुख वन संरक्षक वन पंचायत पराग मधुकर धकाते, देहरादून के प्रभागीय वनाधिकारी नीरज कुमार शर्मा आदि ने भी प्रतिभाग किया।
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