तीन दिन से स्कूल में फंसे गुलदार को आजाद करने को 12 घंटे चला अभियान, तब आई लोगों की जान में जान
हल्द्वानी के एक स्कूल में तीन दिन से फंसे गुलदार को वन विभाग ने 12 घंटे के रेस्क्यू के बाद सुरक्षित पकड़ा। ट्रैंकुलाइज करने के बाद उसे तराई केंद्रीय डिवीजन के जंगल में छोड़ा गया। स्कूल में गर्मियों की छुट्टियां चल रही थीं और सीसीटीवी में गुलदार दिखा था। रेस्क्यू टीम ने वन्यजीव चिकित्सकों की मदद से गुलदार को बेहोश कर जंगल में पहुंचाया।
तीन दिन से नैनीताल रोड स्थित निजी स्कूल के अंदर फंसे गुलदार को आखिरकर वन विभाग ने सुरक्षित पकड़ ही लिया। शनिवार को 12 घंटे तक चले रेस्क्यू अभियान के बाद गुलदार को ट्रैंकुलाइज कर पिंजरे में रख बंद गाड़ी से बाहर निकाला गया। इसके बाद वन विभाग की टीम उसे तराई केंद्रीय डिवीजन के जंगल में ले गई। यहां गदगदिया रेंज के जंगल में उसे छोड़ा गया।
वहीं, गुलदार के सुरक्षित पकड़े जाने पर स्कूल प्रबंधन, वन विभाग से लेकर आसपास के लोगों ने भी राहत की सांस ली। शहर के अन्य स्कूलों की तरह नैनीताल रोड स्थित सेंट थेरेसा स्कूल में भी इन दिनों गर्मियों के अवकाश चल रहे हैं। परिसर के अंदर ही अलग-अलग कैंपस के हिसाब से भवन बने हुए हैं।
शुक्रवार सुबह महिला कर्मचारी पीछे की तरफ स्थित एक कैंपस में साफ-सफाई के लिए पहुंची तो देखा कि कुछ सामान बिखरा पड़ा है। इसके अलावा धूल में बड़े जानवर के पंजे के निशान भी दिखाई दिए। सूचना पर विद्यालय प्रबंधन ने सीसीटीवी कैमरे चेक किए तो गुरुवार रात दस बजे करीब एक गुलदार घूमता हुआ नजर भी आ गया। जानकारी मिलने पर वन विभाग की टीम ने डेढ़ घंटे तक गुलदार की तलाश की, मगर कुछ पता नहीं चला।
स्कूल के अंदर फंसे होने के कारण गुलदार के हमलावर होने की आशंका भी थी। इसलिए रात में ही ट्रैप कैमरे लगा निगरानी करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद शनिवार सुबह सात बजे रेस्क्यू टीम पहुंच गई थी। एसडीओ मनिंदर कौर, रेंजर आनंद आर्य, एसओजी इंचार्ज कैलाश तिवाड़ी, रेस्क्यू दल प्रभारी कैलाश पांडे ने हल्द्वानी, भाखड़ा, गदगदिया और रुद्रपुर रेंज के स्टाफ की मदद से गुलदार को सुरक्षित पकड़ने की अभियान शुरू कर दिया। दो वन्यजीव चिकित्सक भी साथ थे।
ताकि पिंजरे या जाल में न फंसने पर ट्रैंकुलाइज गन की मदद से गुलदार को बेहोश किया जा सके। इसके बाद दोपहर में रानीबाग स्थित रेस्क्यू सेंटर से तीसरे वन्यजीव चिकित्सक हिमांशु पांगती को बुलाया गया। पांच बजे करीब पांगती ने ट्रैंकुलाइज गन का इस्तेमाल कर गुलदार को बेहोश कर दिया। इसके बाद दो घंटे बाद वन विभाग नर गुलदार को पकड़ तराई केंद्रीय के जंगल में ले गया।
कई बार झपटा गुलदार, बाल-बाल बचे वनकर्मी
डेढ़ वर्ष की उम्र के हिसाब से गुलदार काफी तंदुरुस्त था। गुरुवार से स्कूल के अंदर ही होने के कारण वह गुस्सैल भी हो चुका था। यही वजह है कि रेस्क्यू अभियान के दौरान वह कई बार वनकर्मियों पर झपटने को दौड़ भी पड़ा। इसलिए फ्रंट लाइन के कुछ वनकर्मियों को बाडी प्रोटेक्टर किट भी पहनाई गई थी। गुलदार के तीन मंजिला भवन में होने के कारण वह सीढ़ी, टायलेट से लेकर गैलरी तक में भाग रहा था।

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