तीसरे साल लगातार लोनिवि का बजट घटा, सड़क निर्माण की लंबाई भी घटी
राज्य में जिस महकमे के पास सड़क बनाने और उसके रखरखाव की जिम्मेदारी है उसका बजट बढ़ने की जगह लगातार कम हो रहा है।
राज्य में सड़कों के मेगा प्रोजेक्टों के जरिए विकास योजनाओं को गति देने और यातायात का दबाव कम करने का खाका खींचा जा रहा है। लेकिन हालत यह है कि तीन साल से लगातार लोनिवि का बजट कम हो रहा है। इस साल भी लोनिवि के बजट में कटौती हुई है। यही नहीं राज्य में मार्गाें का नव निर्माण भी घट गया है। अधिकारी भी मान रहे हैं कि बजट कम होने से योजनाएं प्रभावित हो सकती हैं।
विकास को गति देने में सड़क की अहम भूमिका होती है पर हालत यह है कि राज्य में जिस महकमे के पास सड़क बनाने और उसके रखरखाव की जिम्मेदारी है उसका बजट बढ़ने की जगह लगातार कम हो रहा है। लोक निर्माण विभाग को वित्तीय वर्ष 2023-2024 में पूंजीगत मद (इस मद से निर्माण कार्य होता) 1666.32 और राजस्व मद में 1339.35 करोड़ का बजट दिया गया।
मौजूदा वित्तीय वर्ष में वर्ष-2024-25 में पूंजीगत मद में 1440.30 करोड़ का बजट दिया गया है, इसके अलावा राजस्व मद में 1776.96 बजट रखा गया। हाल में विधानसभा सत्र में वर्ष-2025-26 का बजट पास हुआ है, उसमें लोनिवि का फिर बजट कम हुआ है। इस साल पूंजीगत मद में 1310.70 करोड़ का बजट रखा गया है, इसी तरह राजस्व मद में 1638.64 करोड़ का मद रखा गया है।
इस साल कम लंबाई में बनेगी सड़क
बजट के साथ जो काम का लक्ष्य रखा गया है, वह भी कम हो गया है। मौजूदा वित्तीय वर्ष में राज्य में 290 किमी मार्गाें का नव निर्माण का लक्ष्य तय किया गया। इस साल उसमें भी कटौती हो गई है, नए वित्तीय वर्ष में यह घटकर 220 किमी हो गया है। वर्ष के 365 दिनों के हिसाब से देखा जाए तो राज्य में औसतन एक दिन में एक किमी मार्गाें का नव निर्माण तक नहीं होगा।
रख-रखाव के लिए भी बजट कम हुआ
आपदा के समय खास तौर पर सड़क को नुकसान पहुंचता है। इसकी मरम्मत व रखरखाव के लिए बजट की दरकार होती है। मौजूदा वित्तीय वर्ष में कुल 475 करोड़ मिले, इस बार यह 404 करोड़ रह गया है।
लोक निर्माण विभाग का बजट कम हुआ है, इससे जो हमारी योजनाएं हैं, उनको लागू करने में दिक्कत आएगी। -डॉ पंकज पांडेय, सचिव लोनिवि
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