पहली बार एक ही प्रदेश में होंगे नेशनल गेम्स के सभी इवेंट, अब नहीं जाना होगा दिल्ली
खेलों की मेजबानी किसी भी प्रदेश के पास रही हो, शॉटगन शूटिंग और साइकिलिंग इवेंट के लिए उन्हें दिल्ली का रुख करना पड़ा है। अब 38वें राष्ट्रीय खेल की मेजबानी कर रहा उत्तराखंड इस मामले में पहली बार अपने को आत्मनिर्भर साबित करने जा रहा है।
खेलों की मेजबानी किसी भी प्रदेश के पास रही हो, शॉटगन शूटिंग और साइकिलिंग इवेंट के लिए उन्हें दिल्ली का रुख करना पड़ा है। अब 38वें राष्ट्रीय खेल की मेजबानी कर रहा उत्तराखंड इस मामले में पहली बार अपने को आत्मनिर्भर साबित करने जा रहा है। यहां दोनों खेल का आयोजन कराने के लिए इंतजाम कर लिए गए हैं। राष्ट्रीय खेल के सभी इवेंट उत्तराखंड में ही संपन्न होंगे
भारत में आजादी के पहले से ही राष्ट्रीय खेलों का आयोजन हो रहा है। तब से अब तक हर राज्य में खेल के संसाधन बढ़े, मगर साइकिलिंग के लिए वेलोड्रम और शॉटगन शूटिंग के लिए रेंज दिल्ली के अलावा किसी राज्य के पास नहीं हो पाई। अब भी शूटिंग की राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता दिल्ली स्थित डॉ. कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में ही होती है।
शॉटगन इवेंट में मूविंग टारगेट को निशाना बनाना होता है। इसलिए कम से कम 18 एकड़ जगह चाहिए होती है और यह इवेंट केवल एक दिन का होता है। इसलिए किसी राज्य ने केवल एक दिन के लिए इतना बड़ा अस्थायी सेटअप तैयार नहीं किया। वहीं राष्ट्रीय स्तर की साइकिलिंग प्रतियोगिता के लिए भी केवल दिल्ली में ही वेलोड्रम है। इसे बनाने में करोड़ों रुपये का खर्चा आता है और लंबा समय चाहिए होता है। इसलिए राज्यों ने इससे भी परहेज किया।
इस तरह यहां होंगे दोनों इवेंट-
प्रदेश में साइकिलिंग के लिए पिछले डेढ़ साल से रूद्रपुर में वेलोड्रम बन रहा है। इस पर करीब 23.12 करोड़ रुपये खर्च होंगे। अब इसमें केवल लाइटिंग का काम बचा है। वहीं शॉटगन शूटिंग पंतनगर विवि परिसर में होगी। इसके लिए जगह चिन्हित कर ली गई है। जमीन के अलावा करीब 25 करोड़ रुपये की लागत के संसाधनों की जरूरत पड़ेगी। यह अन्य राज्यों से किराये पर लिए जाएंगे।
इंडोर स्टेडियम में भी उत्तराखंड अव्वल
राष्ट्रीय खेलों में कुल 32 तरह के खेलों का आयोजन होना है। इसमें करीब 20 खेल इंडोर स्टेडियम में होने हैं। देहरादून, हल्द्वानी, रूद्रपुर आदि शहरों मेंं चार बड़े और कई छोटे मल्टीपर्पज हॉल हैं। इस बार राष्ट्रीय खेलों में एक साथ प्रतिदिन मल्टीपर्पज हॉल में 20 खेल होंगे। इससे मौसम की वजह से भी खेल प्रभावित नहीं होंगे। पिछले राष्ट्रीय खेलों तक खो-खो, कबड्डी, कुश्ती, वुशु, तलवारबाजी के लिए जर्मन हैंगर का इंतजार किया जाता था।
जब से पता चला है कि राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी उत्तराखंड करेगा, तब से मुख्यमंत्री की इच्छा थी कि सभी इवेंट हमारे प्रदेश में ही हों। हमें पहली बार मेजबानी का मौका मिला है। सरकार और खेल संघ इसे अब तक का सबसे बेहतर आयोजन बनाना चाहते हैं।
– महेश नेगी, अध्यक्ष, उत्तरांचल खेल संघ।
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