बाहरी राज्यों के मरीजों के लिए आयुष्मान कार्ड में उपचार कराना चुनौती, बैरंग लौटना है पड़ रहा
दून अस्पताल में दस में से सिर्फ एक ही मरीज को आयुष्मान कार्ड से उपचार मिल पा रहा है। दून अस्पताल को कई मरीजों का अब तक क्लेम नहीं मिल पाया है।
बाहरी राज्यों के मरीजों को दून अस्पताल में आयुष्मान कार्ड के माध्यम से उपचार नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में मरीजों को या तो बैरंग लौटना पड़ रहा है, या पैसे देकर उपचार करवाना पड़ रहा है। दून अस्पताल में हर रोज दस से बारह मरीज उत्तर प्रदेश से आते हैं।
आयुष्मान में उपचार के लिए यूपी सरकार की ओर से अनुमोदन न मिलने से मरीजों को खासी दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक जो मरीज दूसरे राज्यों से आते हैं, उनकी आयुष्मान संबंधी कागजी औपचारिकताएं यूपी एसएचए की ओर से ही पूरी की जाती हैं
आयुष्मान के अंतर्गत मरीजों के उपचार के अनुमोदन के लिए जब पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड किए जाते हैं, तो यूपी सरकार की ओर से अनुमाेदन ही नहीं मिल पाता है। जानकारी के मुताबिक दस में से सिर्फ एक ही मरीज को आयुष्मान का लाभ मिल पा रहा है।
बाहरी राज्यों के दस से भी अधिक मरीजों का उपचार के बाद नहीं मिल पाया क्लेम
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दून अस्पताल को यूपी एसएचए की ओर से दस से भी अधिक मरीजों के उपचार का पैसा नहीं मिल पाया है। इसके लिए प्रबंधन कई बार मांग भी कर चुका है। ऐसी स्थिति में अब अस्पताल बाहरी राज्यों के मरीजों का आयुष्मान में उपचार करने से हाथ खड़े कर रहा है।
बाहरी राज्यों के मरीजों का आयुष्मान में उपचार करने में खासी दिक्कतें आ रही हैं। खासतौर पर उत्तर प्रदेश से आने वाले मरीजों को परेशानी हो रही है। ऐसा इसलिए है क्योंकि उपचार के अनुमोदन के लिए जब मरीजों के दस्तावेज पोर्टल पर अपलोड किए जाते हैं तो यूपी सरकार उसका अनुमोदन ही नहीं देती हैं। साथ ही क्लेम भी देने में आनाकानी करती है। -डॉ. आरएस बिष्ट, चिकित्सा अधीक्षक दून अस्पताल
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