महीनों से तैयारी में जुटी पुलिस के भीड़ के आगे इंतजाम हुए धड़ाम, लगा लंबा जाम, लोग रहे परेशान
राष्ट्रीय खेलों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस ने बड़े इंतजाम किए थे। लगभग 10 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को पूरे प्रदेश में होने वाले आयोजनों में लगाया गया था। इसके अलावा एसएसबी और आईटीबीपी की फोर्स अलग से लगी थी।
राष्ट्रीय खेलों की तैयारियों में महीनों से जुटी पुलिस के इंतजाम एनवक्त पर धड़ाम हो गए। उद्घाटन समारोह के लिए हजारों की तादात में पहुंचे लोगों के वाहनों के रेले को संभालने में पुलिस बेबस दिखी। चौक-चौराहों पर गफलत का आलम ये था कि खुद पुलिस के वाहन भी गलत दिशा में दौड़ते दिखे। सामने से आए वाहनों ने रास्ते को कई बार ब्लॉक कर दिया। यही नहीं रूट डायवर्जन में भी पुलिस का होमवर्क अधूरा दिखा। शहर में कई जगह से वाहनों को दूसरी दिशाओं में दौड़ाया गया। लोग कार्यक्रम में पहुंचने से पहले ही लंबे जाम में फंस गए। हूटर बजाते हुए अधिकारियों की गाड़ियां तो खूब सरपट दौड़ रही थी, लेकिन लोगों के वाहनों की गति रुक गई।
दरअसल, राष्ट्रीय खेलों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस ने बड़े इंतजाम किए थे। लगभग 10 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को पूरे प्रदेश में होने वाले आयोजनों में लगाया गया था। इसके अलावा एसएसबी और आईटीबीपी की फोर्स अलग से लगी थी। देहरादून में हुए उद्घाटन समारोह में भी हजारों की तादात में पुलिस अधिकारी और कर्मचारी सड़कों से लेकर स्टेडियम के अंदर की व्यवस्थाओं को संभाल रहे थे। चौक-चौराहों पर बड़ी संख्या में कर्मचारियों और अधिकारियों को तैनात किया गया था। आलम ये था कि रिंग रोड से एयरपोर्ट तक चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात थी। कार्यक्रम में सुबह 11 बजे से ही लोगों का आना शुरू हो गया। लेकिन, जब परीक्षा की घड़ी आई तो पुलिस इसमें काफी हद तक फेल हो गई। एयरपोर्ट रोड पर स्टेडियम के सामने की सड़क पर रह-रह कर जाम लगता रहा।
एक दूसरे के सामने आने लगे वाहन
शाम करीब चार बजे एकाएक लोगों की भीड़ बढ़ने लगी। लगातार खिलाड़ियों के वाहन भी कार्यक्रम स्थल पर पहुंच रहे थे। लेकिन, अधूरे होमवर्क के साथ तैयार हुए रूट डायवर्जन प्लान से शहर के कई हिस्सों में जाम लग गया। नतीजा ये हुआ कि इन वाहनों को लाने के लिए पुलिस को अपने वाहनों से एस्कॉट करना पड़ा। लेकिन, सड़क पर भीड़ इस कदर थी कि न बस निकली न पुलिस के वाहन। हालात ये बने कि अधिकारियों के वाहन भी गलत दिशा में दौड़ते दिखे। सामने से आए वाहनों ने इनकी रफ्तार भी थाम दी। कार्यक्रम शुरू होने तक भी खिलाड़ियों के वाहन जाम में फंसे रहे। बड़े-बड़े अधिकारियों की गाड़ियां भी इस जाम में फंसी रहीं। हालांकि, ये गाड़ियां अधिकारियों को कार्यक्रम में छोड़कर कुछ और लोगों को ले जाने के लिए भी जा रही थीं।
शहर के अंदर लोगों की बनी चकरघिन्नी
ये अधूरी तैयारियों का ही नतीजा था कि शहर के अंदर भी लोगों की चकरघिन्नी बन गई। शहर के भीतर पहले से कोई डायवर्जन प्लान नहीं था। ऐसे में एकाएक लोगों को डायवर्ट किया गया। इससे लोग गलियों के रास्ते होकर मुख्य मार्गों तक पहुंचे। इसके बाद जब जाम शुरू हुआ तो घंटों सड़कों पर रहे। हजारों की तादात में लोग कार्यक्रम में नहीं पहुंच सके। हालांकि, पहले से ही स्टेडियम में बैठने की जगह भर चुकी थी। पार्किंग की तैयारियों को भी आधे-अधूरे मन से किया गया था। पहले स्टेडियम के भीतर की पार्किंग भरी गई। इसके बाद वैकल्पिक पार्किंग को भरा गया।
वाया भानियावाला होकर आना पड़ा सैकड़ों लोगों को
कार्यक्रम समाप्त होने के बाद फिर से स्टेडियम के बाहर जाम लग गया। पुलिस ने लोगों को महाराणा प्रताप चौक की तरफ नहीं जाने दिया। ऐसे में सैकड़ों लोगों को वाया भानियावाला करीब 40 किलोमीटर अतिरिक्त सफर तय कर देहरादून आना पड़ा। पुलिस कर्मचारियों को ड्यूटी पर फोन इस्तेमाल न करने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन, सैकड़ों पुलिसकर्मी ऐसे दिखे जिनके हाथों से फोन छूटे ही नहीं।
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