उत्तराखंड में कोरोना की दस्तक से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, मरीजों की स्क्रीनिंग और सर्विलांस पर फोकस
उत्तराखंड में कोरोना के नए वेरिएंट के खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है। सभी अस्पतालों को आइएलआइ और सार्स से पीड़ित मरीजों की कोरोना जांच अनिवार्य रूप से कराने के निर्देश दिए गए हैं। भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। अस्पतालों में बेड आरक्षित किए जा रहे हैं और फ्लू ओपीडी शुरू की जाएगी।
कोरोना वायरस के नए वेरिएंट के बढ़ते खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। प्रदेशभर में सर्विलांस बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
निजी व सरकारी अस्पतालों को निर्देशित किया गया है कि इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों (आइएलआइ) और गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम (सार्स) से पीड़ित प्रत्येक मरीज की अनिवार्य रूप से कोविड जांच कराई जाए। साथ ही फ्लू क्लीनिक चलाने के भी निर्देश उन्हें दिए गए हैं।
दरअसल, देश के कई राज्यों में भी कोविड के मामले बढ़ रहे हैं। उत्तराखंड में भी गुजरात की एक महिला व बेंगलुरु से लौटी के चिकित्सक में कोरोना की पुष्टि हुई है। ऐसे में अब राज्य में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने बताया कि सभी जिलों में सर्विलांस बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। खासकर किसी एक स्थान पर अधिक संख्या में लोगों के संक्रमित होने के लिए निगरानी बढ़ाने को कहा गया है।
इसके साथ ही राज्य के सभी अस्पतालों को लक्षण के आधार पर मरीजों की स्क्रीनिंग और जांच कराने के भी निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में ट्रैवल हिस्ट्री वाले दो मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई है। स्थानीय स्तर पर किसी मरीज में अभी कोरोना की पुष्टि नहीं हुई है। फिर भी पूरी सतर्कता बरती जा रही है।
बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं बरतें सावाधानी
स्वास्थ्य सचिव ने आमजन से अपील की है कि वह भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर एहतियात बरतें।
भीड़ में मास्क पहनना, हाथों को साफ रखना और अन्य कोविड गाइडलाइन का पालन एहतियातन जरूर करें।
खांसते/छींकते समय मुंह ढंकें और अपने चेहरे को छूने से बचें।
खासतौर पर बुजुर्ग, बच्चे और गर्भवती महिलाएं इन चीजों का विशेष ध्यान रखें।
साथ ही कोरोना के लक्षण होने पर तुरंत जांच करवाने की सलाह उन्होंने दी है।
शुरू होगी फ्लू ओपीडी, बेड होंगे आरक्षित
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए दून मेडिकल कालेज अस्पताल ने भी तैयारी शुरू कर दी है।
चिकित्सा अधीक्षक डा. आरएस बिष्ट का कहना है कि शनिवार को इसे लेकर बैठक बुलााई गई है। शासन के निर्देशानुसार तैयारियां की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि अस्पताल में कोरोना पीड़ितों के उपचार के लिए 30 बेड आरक्षित किए जा रहे हैं। इसके अलावा फ्लू ओपीडी भी शुरू की जाएगी।
गाइडलाइन का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. मनोज कुमार शर्मा ने कहा कि निजी व सरकारी अस्पतालों को इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों (आइएलआइ) और गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम (सार्स) से पीड़ित प्रत्येक मरीज की अनिवार्य रूप से कोविड जांच कराने को कहा गया है। यह भी निर्देश दिए हैं कि जांच संबंधी जानकारी इंटीग्रेटेड हेल्थ इंफार्मेशन प्लेटफॉर्म (आइएचआइपी) पर दर्ज करें। सीएमओ ने चेतावनी दी है कि राज्य व केंद्र सरकार की गाइडलाइन का उल्लंघन करने या लापरवाही बरतने पर संबंधित संस्थानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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