चार महीने बाद बनभूलपुरा मामले में पहली जमानत, पुलिस पर पथराव के बाद थाने को लगा दी थी आग
Banbhoolpura Violence बनभूलपुरा हिंसा से जुड़े मामलों में चार महीने बाद एक स्थानीय युवक को जमानत मिली है। जमीन पर बने मदरसे और नमाजस्थल को ध्वस्त करने के दौरान हिंसा भड़क उठी।
देखते-देखते भारी भीड़ ने चारों तरफ से पथराव शुरू कर दिया। हिंसा को लेकर बाद में पुलिस ने तीन-तीन अलग प्राथमिकी दर्ज की थी। 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया।बनभूलपुरा हिंसा से जुड़े मामलों में चार महीने बाद एक स्थानीय युवक को जमानत मिली है। मेडिकल आधार पर न्यायालय ने उसके प्रार्थनापत्र को स्वीकार किया है। आरोपित गंभीर बीमारियों से ग्रस्त है। हिंसा से जुड़े तीन में दो प्राथमिकी में पुलिस ने उसे आरोपित बनाया था
आठ फरवरी को बनभूलपुरा स्थित मलिक के बगीचे में नगर निगम, प्रशासन और पुलिस की टीम नजूल भूमि को कब्जे से मुक्त कराने के लिए गई थी। इस दौरान जमीन पर बने मदरसे और नमाजस्थल को ध्वस्त करने के दौरान हिंसा भड़क उठी।100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया
देखते-देखते भारी भीड़ ने चारों तरफ से पथराव शुरू कर दिया। इसके बाद थाने में भी आगजनी कर दी गई। वहीं, हिंसा को लेकर बाद में पुलिस ने तीन-तीन अलग प्राथमिकी दर्ज की थी। 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया। जिसमें महिलाएं भी शामिल थी। इसके बाद कुछ आरोपितों ने जमानत के लिए प्रार्थनापत्र भी दाखिल किया। लेकिन आवेदन खारिज हो गया।इस बीच पता चला कि हिंसा मामले में जेल में बंद एक युवक गंभीर बीमारियों से ग्रस्त है। आरोपित की तरफ से पैरवी करने वाले अधिवक्ता मनीष पांडे ने बताया कि मेडिकल आधार पर एडीजे फस्र्ट की कोर्ट में जमानत को प्रार्थनापत्र लगाया गया था। जिसे स्वीकार कर लिया गया। फिलहाल युवक हल्द्वानी जेल से बाहर आ चुका है।
हिंसा मामले में 107 लोग गिरफ्तार हुए थे। बनभूलपुरा हिंसा को लेकर पुलिस ने तीन प्राथमिकी दर्ज की थी। जबकि नगर निगम की ओर से सरकारी जमीन को खुर्द-बुर्द करने के मामले में चौथी प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। कुल 107 लोगों की गिरफ्तारी पुलिस ने की थी। चार माह बाद एक को मेडिकल आधार पर जमानत मिल चुकी है।
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